असम के सिलचर से जे पी नड्डा Live, बोले- इस राज्य को NDA ने दिलाई पहचान

punjabkesari.in Monday, Jan 11, 2021 - 03:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने असम के  सिलचर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि इस विजय संकल्प रैली में मुझे आने का मौका मिला है। मैं आयोजकों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने विजय संकल्प रैली की शुरुआत बराक वैली से की है, जहां भाजपा की नींव है।  नड्डा द्वारा असम की जनता को संबोधित करने की मख्यें बातें कुछ इस प्रकार है। 

 

असम को संभाल कर रखना हमारी जिम्मेदारी 

  • असम की भाषा को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है और हमने ये किया भी है।
  • असम की संस्कृति, असम का नेतृत्व, असम के अस्तित्व को किसी ने पहचाना और उसको देश में स्थान देने का काम NDA की सरकार ने किया है।
  • 2016 में यहां सरकार बनी और फिर चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा उपचुनाव हो, जिला परिषद चुनाव हो, टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो, बोडो टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो, टीवा टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो या पंचायत चुनाव हर जगह आपने भाजपा को समर्थन दिया है। 


 जम्मू-कश्मीर में BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी 

  • मुझे खुशी है कि जब मैं मोदी जी की सरकार में मंत्री था तो मैं गुवाहाटी को 1,350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला एक AIIMS दे पाया।
  • अब यहां के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली या कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा।
  • बोडो आंदोलन पिछले 50 साल से चल रहा है। मुझे खुशी है कि बोडो अकॉर्ड की दृष्टि से सारे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट बोडोलैंड के लोगों ने अपने हथियार रख दिए और असम की टेरिटोरियल इंटीग्रिटी को बचाकर बोडो अकॉर्ड करके मुख्य धारा में शामिल हुए। 
  • 'लद्दाख के हिल काउंसिल के चुनाव में भाजपा ने 26 में से 16 सीटें मिलीं।
  •  जम्मू-कश्मीर के DDC चुनाव में कांग्रेस, PDP और NC ये गुपकार के लोग मिलकर चुनाव लड़े परन्तु सबसे बड़ी पार्टी बनकर BJP सामने आई।


 दो दिवसीय असम दौरे पर हैं नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सोमवार से असम के दो दिवसीय दौरा पर हैं। असम में अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। पहली बार 2016 में राज्य में सत्ता में आयी भाजपा हालिया स्थानीय चुनाव में शानदार प्रदर्शन को आगे भी जारी रखने को लेकर आश्वस्त है। वहीं, मुख्य विपक्षी कांग्रेस तीन बार के मुख्यमंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता तरूण गोगोई की गैरमौजूदगी में चुनाव में उतरेगी। गोगोई का पिछले साल निधन हो गया था। विपक्षी दल को उम्मीद है कि विवादित नागरिकता (संशोधन) कानून समेत कई मुद्दों पर भाजपा रक्षात्मक रुख अपनाने के लिए मजबूर होगी। 


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vasudha

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