''26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में जिंदा है'' : AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

punjabkesari.in Sunday, Jun 01, 2025 - 12:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क : (AIMIM) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीनके प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक अंतरराष्ट्रीय बैठक में पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया और मांग की कि उसे दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए।

पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह: ओवैसी

अल्जीरिया में आयोजित एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन जैसे आईएसआईएस (ISIS) और अल-कायदा आज भी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि ये संगठन सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि एक जहरीली विचारधारा फैलाते हैं जो इस्लाम की असली शिक्षाओं के खिलाफ है। उन्होंने साफ कहा कि इस्लाम किसी भी निर्दोष इंसान की हत्या की इजाजत नहीं देता, लेकिन आतंकवादी इसे धर्म से जोड़कर गलत तरीके से पेश करते हैं।

आतंकवाद पूरी दुनिया की समस्या है

ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद सिर्फ भारत या दक्षिण एशिया की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या बन चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में है और वहां आराम की जिंदगी जी रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'दुनिया का कोई जिम्मेदार देश ऐसे अपराधी को बर्दाश्त नहीं करेगा, लेकिन पाकिस्तान ने उसे जेल में बैठाकर पिता बना दिया।'

FATF की ग्रे लिस्ट में हो पाकिस्तान

ओवैसी ने पाकिस्तान को एक बार फिर वित्तीय निगरानी संस्था FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की जड़ें सिर्फ विचारधारा में नहीं होतीं, बल्कि उन्हें पैसे और समर्थन की भी जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में था, उस समय भारत में आतंकी घटनाओं में कमी आई थी। इससे साफ है कि वित्तीय दबाव का असर होता है।

FATF क्या है और ग्रे लिस्ट का मतलब क्या होता है?

FATF (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग पर नजर रखती है।
अगर कोई देश FATF की ग्रे लिस्ट में आ जाता है तो उसे वैश्विक फाइनेंशियल सिस्टम में नुकसान उठाना पड़ता है। निवेश घट जाता है, कर्ज मिलना मुश्किल होता है और उसकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है। इससे आतंकवादी संगठनों को फंडिंग मिलना भी मुश्किल हो जाता है।

भारत और अल्जीरिया के बीच मजबूत रिश्ते

ओवैसी ने भारत और अल्जीरिया के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते की सराहना की। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग का संकेत बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही अल्जीरिया की यात्रा पर जाएंगे और अल्जीरिया के राष्ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये दोनों देशों के रिश्तों को एक नई ऊंचाई देगा।

अल्जीरिया के अनुभव से भारत को सीख

ओवैसी ने 1990 के दशक में अल्जीरिया के 'काले दशक' की चर्चा की, जब वहां आतंकवाद अपने चरम पर था। उन्होंने कहा कि भारत और अल्जीरिया एक जैसे अनुभव से गुजरे हैं और दोनों मिलकर आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एकजुट होकर ही आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौती से निपटा जा सकता है।

 


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Content Editor

Mehak

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