अगस्ता वेस्टलैंड : दलाल ने लिया सोनिया गांधी का नाम!

punjabkesari.in Saturday, Apr 30, 2016 - 04:45 PM (IST)

नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील के मामले में इटली की अदालत के फैसले ने भारतीय राजनीतिक गलियारों में वाकयुद्ध छेड़ दिया। सदन में नि:सहाय सी लग रही भाजपा को इटली की अदालत ने जैसे राहत का पिटारा ही दे दिया। पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फैसले में सिग्नोरा गांधी) का नाम उठा तो भाजपा ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ कैश करने की कोशिश शुरू कर दी। मोर्चा भी नव निर्वाचित सदस्य सुब्रहमण्यम स्वामी को सौंपा गया।
 
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दूतावास से इटली के मिलान कोर्ट के फैसले की पूरी जानकारी मांग ली है। इटली के मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले के मुताबिक, 2010 में हुई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। अदालत ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी इसमें शामिल बताया। पूरे मामले में दलाल क्रिस्टियन मिशेल का नाम सामने आया। यह बताता है कि भारत में डील पूरी करने के लिए सोनिया गांधी का राजी होना जरूरी था। सोनिया एमआई 8 हेलिकॉप्टर में उडऩा पसंद नहीं करती। इस संबंध में मिशेल ने 15 मार्च 2008 को फिनमैकानिका के तत्कालीन सेल्स प्रमुख पीटर ह्यूलेट को पत्र भेजा। इसके अनुसार कुल 30 मिलियन यूरो रिश्वत दी गई। बताते हैं कि फिनमेकेनिका ने अपना नाम बदल कर लियोनार्डो रख लिया है। मनी लांड्रिंग के एक्ट के तहत यह चालाकी है।
 
 
ये है पूरा मामला
वीवीआईपी लोगों के लिए फिनमैकानिका कंपनी से अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। भारत के पास पहले ही मिग-8 और मिग-17 विमान थे। साल 2012 में कंपनी को 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों के ऑर्डर दिए गए। 2005 में सारी प्रक्रिया शुरू हुई और फरवरी 2010 में सौदा हो गया। 12 हेलीकॉप्टरों के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा। कंपनी ने नौ हेलीकॉप्टर नहीं भेजे केवल तीन ही भारत को सप्लाई किए। 
 
इंटीग्रेटी क्लाज
यूपीए सरकार ने 2005 में इंटीग्रेटी क्लॉज लागू की थी। इसके तहत रक्षा सौदे में शामिल हर किसी को इस क्लॉज पर हस्ताक्षर करना होता था। इसमें बाकायदा लिखा था कि अगर सौदे में दलाल के हाथ होने का पता लगा तो डील रद्द हो जाएगी। पैसा वापस देकर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। वीवीआईपी हेलीकाप्टर डील में इटली के दावों के बावजूद तीन दलाल सामने आए। तीनों पर आरोप था इन्होंने डील के लिए भारतीय अफसरों को 400 से 500 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।
 
मनमोहन का नाम 
इटली की कोर्ट के आर्डर में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, ऑस्कर फर्नांडीस और पूर्व एनएसए एमके नारायणन का नाम। फैसले में यह भी कहा गया कि 12 हेलीकाप्टरों की इस डील को पूरा करवाने के लिए उस समय सोनिया गांधी के पॉलिटिकल सेक्रेटरी अहमद पटेल को 18 मिलियन डॉलर दिए गए थे (पेज संख्या 225)। कांग्रेस के टॉप लीडर्स को कुल 125 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर मिले।
 

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