बदनामी का कारण बन रहे हैं कुछ अध्यापक-अध्यापिकाएं

punjabkesari.in Monday, Sep 07, 2015 - 09:32 PM (IST)

ज्ञान रूपी दान देकर शिष्य का जीवन संवारना और उसका चरित्र निर्माण करना गुरु का प्रमुख कार्य है। इसीलिए हमारे धर्मग्रंथों में गुरु को भगवान के समान कहा गया है जो अपने शिष्य को बुराइयों की ओर बढऩे से रोकते हैं।

इन मापदंडों पर आज के चंद अध्यापक खरे नहीं उतर रहे और अपने शिष्यों को बुराइयों से रोकने की बजाय स्वयं तरह-तरह की बुराइयों में संलिप्त हो कर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जो हाल ही की निम्र चंद घटनाओं से स्पष्ट है : 
 
* 8 अगस्त को हंदवाड़ा स्थित एक स्कूल के अध्यापक ने दूसरी कक्षा के एक छात्र को इतनी बुरी तरह पीटा कि उसके सारे शरीर पर गहरे घाव हो गए। 
 
* 13 अगस्त को बिहार में नवादा की पुलिस ने एक सरकारी स्कूल के अध्यापक को 9 वर्षीय छात्रा से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
 
* 17 अगस्त को नई दिल्ली की पश्चिम विहार पुलिस ने कोल्ड ड्रिक में नशा पिला कर अपनी छात्रा से रेप करने और मोबाइल में फिल्म बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में कराटे टीचर आफताब सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। 
 
* 19 अगस्त को कैथल जिले के टीक गांव के सरकारी स्कूल के अध्यापक राजकुमार को अपने स्कूल की 7वीं कक्षा की एक छात्रा से छेड़छाड़ करने के प्रयास के आरोप में पकड़ा गया। 
 
* 20 अगस्त को बिजनौर में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल का पिं्रसीपल एक दूसरे स्कूल की महिला प्रिंसीपल के साथ रंगरलियां मनाता पकड़ा गया। इस के लिए प्रिंसीपल ने 3 घंटे पहले ही स्कूल में छुट्टी कर दी थी। 
 
* 21 अगस्त को आगरा के निकट कलवारी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की 8वीं कक्षा की छात्रा काजल जब इंटरवल के समय उसी स्कूल में छठी कक्षा में पढऩे वाले अपने भाई कुंदन जिसे कुछ छात्र पीट रहे थे, को बचाने गई तो उसी समय स्कूल की एक अध्यापिका ने वहां पहुंच कर काजल को ही पीटना शुरू कर दिया और अन्य छात्र-छात्राओं के विरोध करने पर उन्हें भी बुरी तरह पीटा। 
 
* 23 अगस्त को इंदौर में एक कोङ्क्षचग क्लास के संचालक ने 12वीं कक्षा के छात्र विदेह परमार को बुरी तरह पीटा जिससे उसके कान का पर्दा फट गया। 
 
* 24 अगस्त को बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ गांव में पूर्व माध्यमिक स्कूल के 53 छात्रों ने जिलाधिकारी से शिकायत की कि जब भी वे अपने अध्यापकों से पढ़ाई की बात करते हैं तो वे उन्हें बुरी तरह पीटने लगते हैं। 
 
* 25 अगस्त को गुरदासपुर जिले के काहनूवान के गांव मोचपुर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में गांव वासियों ने आधी छुट्टी के समय स्कूल में छापामारी करके अध्यापकों को शराब पीते हुए रंगे हाथों पकड़ा।  
 
* 25 अगस्त को ही खन्ना के एक स्कूल में क्लास में लेट आने पर अध्यापक जतिद्र कुमार ने 10वीं कक्षा के एक छात्र नवप्रीत सिंह को बुरी तरह पीटा जिससे उसके दांतों से खून बहने लगा तथा चेहरे व गर्दन पर नील के निशान पड़ गए।  
 
* 27 अगस्त को संगरूर की एक शिक्षा अकादमी की 2 अध्यापिकाओं ने 10वीं कक्षा के छात्र जसजीवन सिंह को कमरे में बंद करके पीट डाला जिससे आहत होकर जसजीवन ने नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। 
 
* 31 अगस्त को मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के रावनबाड़ी प्राइमरी स्कूल के हैडमास्टर के.सी. यादव ने 5वीं क्लास में पढऩे वाले अभिषेक यादव नामक छात्र को हिन्दी की किताब में से एक शब्द ठीक से न पढ़ पाने पर बुरी तरह पीटा और उसके सिर के बाल उखाड़ दिए।  
 
* 5 सितम्बर को कर्नाटक में मंड्या के सरकारी स्कूल में एक छात्रा द्वारा प्रिंसीपल से अपना 100 रुपए का नोट खो जाने की शिकायत करने पर प्रिंसीपल ने नोट ढूंढने के लिए 12 छात्राओं के पूरे कपड़े उतरवा कर तलाशी ली। 
 
उक्त घटनाएं निश्चित ही अध्यापकों के एक वर्ग में घर कर गई असहनशीलता और अध्यापन व्यवसाय के उच्च मापदंडों और नैतिकता से भटक जाने के मुंह बोलते प्रमाण हैं। ऐसा अनैतिक आचरण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अपेक्षित है क्योंकि कुछ मुट्ठी भर लोग समूचे अध्यापक जगत की बदनामी का कारण बन रहे हैं। 
 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News