8 वर्षीय बच्चे से अप्राकृतिक यौनाचार करने पर मिली 10 वर्ष की सजा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2015 - 04:53 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 8 वर्षीय बच्चे के साथ बार-बार अप्राकृतिक यौनाचार करने वाले एक युवक को 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने माना कि इस तरह के अपराध का बच्चे के मन पर स्थाई असर पड़ता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रघुवीर सिंह ने मयूर विहार निवासी 22 वर्षीय विकास को बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार और उसे धमकाने के लिए जेल भेज दिया। बच्चा युवक के पड़ोस में रहता था।

अदालत ने कहा ‘‘इस तरह के अपराध का बच्चे के मन पर स्थायी असर पड़ता है और मानसिक तथा शारीरिक पीड़ा का बच्चे पर लंबे समय तक प्रभाव रहेगा।’’ अदालत ने पीड़ित और उसके पिता के बयानों तथा चिकित्सा रिपोर्ट पर भरोसा किया, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।

अदालत ने दोषी पर 4,000 रुपए का जुर्माना लगाया और साथ ही पूर्वी दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को दिल्ली सरकार की पीड़ित मुआवजा योजना के तहत बच्चे को मुआवजा देने का आदेश दिया।

बच्चे के पिता ने मार्च 2013 में पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि विकास ने अवयस्क का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था और उसे पीटा था। इसके बाद विकास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) तथा पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।


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