इस शहीद को नहीं मिला इंसाफ (photos)
punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2015 - 06:14 PM (IST)

शिमला : भारत सरकार 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया के मामले को गंभीरता से नहीं ले रही ।सुप्रीम कोर्ट में भी शहीद का मामला सुनवाई के लिए नहीं पहुंच पाया। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से 1जून को दिए गए बयान पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट इसकी इजाज़त देता है सरकार इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय अदालत में ले जाएगी।लेकिन विदेश मंत्रालय ने कोई भी शपथ पत्र पेश नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट में शहीद का केस लड़ रहे वकील अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि मामला सुनवाई के लिए टेक अप नहीं हो पाया। केंद्र सरकार ने भी संशोधित शपथ पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं किया।
ये है मामला
हिमाचल के कांगड़ा जिले के पालमपुर निवासी कैप्टन सौरभ कालिया सेना की 4 जाट रेजिमेंट में तैनात थे।15 मई 1999 को पाकिस्तान ने 5 जवानों के साथ कैप्टन कालिया को बंदी बनाया था और 6 जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने कैप्टन कालिया का शव भारत को सौंपा और उसके शव से टॉर्चर किए जाने के निशान साफ देखे जा सकते थे और पाकिस्तान सेना ने उसके शरीर की इतनी बुरी हालत कर दी थी।
शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया जो 16 साल से न्याय के लिए लड़ रहे है उन्होंने बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट उपयुक्त कार्रवाई कर केंद्र सरकार के मामले को पाकिस्तान और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के समक्ष उठाने के लिए निर्देश देगा।