केंद्र व एनएससीएन ने पूर्वोत्तर में शांति की रूपरेखा बनाई: रिजीजू

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2015 - 10:22 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र और एनएससीएन आईएम ने मिलकर एक रूपरेखा बनाई है जो पूर्वोत्तर में शांति लाएगी। यह बात आज यहां केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कही।  उन्होंने यहां एक समारोह के इतर कहा, ‘‘शांति कायम करने के लिए रूपरेखा तय की गई है। सरकार जल्द ही विस्तार से जानकारी देगी।’’ एनएससीएन आईएम और सरकार के बीच कल हुए समझौते की मुय बातों के बारे में पूछने पर रिजीजू ने यह बात कही।  


उन्होंने कहा, ‘‘समझौते के बारे में कल प्रधानमंत्री ने बताया।’’ इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नगा होहो, नगा छात्र संघ, नगा मदर्स फेडरेशन, नगालैंड के निर्वाचित प्रतिनिधियों और मणिपुर के नगा निर्वाचित प्रतिनिधियों जैसे सभी पक्षों से विचार विमर्श के बाद शांति का समझौता किया गया है। सभी पक्षों को इसलिए शामिल किया गया कि सरकार नहीं चाहती थी कि 1975 के शिलांग समझौते को दोहराया जाए।


उस समझौते के बाद एनएससीएन आईएम के अध्यक्ष इशाक चिशी वू और महासचिव टीएच मुईवा अलग हो गए और अलग संगठन बना लिया। सूत्रों ने कहा कि शांति योजना के यौरे पर काम किया जाना है और इसमें कुछ वक्त लगेगा।  उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सिद्धांतत: सहमति बना ली है।  


समझौते में सरकार ने नगा इतिहास और संस्कृति की अद्वितीयता को स्वीकार कर लिया है। नगाओं ने भारतीय संविधान की प्रमुखता को स्वीकार किया है, स्वायत्ता की एनएससीएन आईएम की मांग का यह कहकर समाधान किया गया है कि स्वायत्ता लोगों में निहित है न कि सरकार में और नगाओं का भारत पर उतना ही अधिकार है जितना भारत का नगालैंड पर।  

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