‘तमिल को न्यायालय की आधिकारिक भाषा बनाने हेतु अनुच्छेद 348 में संशोधन किया जाना चाहिए‘
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 10:41 PM (IST)

चेन्नईः भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि तमिल को मद्रास उच्च न्यायालय की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन किया जाना चाहिए। मदुरै में अतिरिक्त अदालत भवनों की आधारशिला रखने के लिए आयोजित समारोह के दौरान इस संबंध में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के अनुरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्च न्यायालय में एक आधिकारिक भाषा के रूप में तमिल के उपयोग को सक्षम करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन करना पड़ सकता है।
यह काम संविधान के अनुच्छेद 348 के तहत किया जाना चाहिए जो उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अदालती कार्यवाही की भाषा के रूप में अंग्रेजी को निर्धारित करता है। वहीं इस दौरान केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिज्जू ने विश्वास जताया कि प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ किसी दिन तमिल भाषा का उपयोग सर्वोच्च न्यायालय में भी किया जा सकता है।
तमिलनाडु की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में न्यायिक बुनियादी ढांचा भारत के कई राज्यों की तुलना में बेहतर है और उन्हें यह देखकर खुशी होगी कि तमिलनाडु की सभी अदालतें अपनी कार्यवाही में तमिल भाषा का उपयोग करती हैं।
उन्होंने कहा, 'उच्च न्यायालय में एक चुनौती है...तमिल एक शास्त्रीय भाषा है और हमें इस पर गर्व है। हम इसका इस्तेमाल होते हुए देखना चाहेंगे। प्रौद्योगिकी में वृद्धि के साथ, कानूनी लिपियों की प्रगति शायद किसी दिन तमिल भाषा शीर्ष अदालत में भी इसके इस्तेमाल को सक्षम बना दे। '
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
Recommended News
Recommended News

मंदिर जा रहे 2 लोगों पर भालू ने किया हमला, गांव के लोगों ने माैके पर पहुंचकर बचाई जान

बसपा के प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ व दयाचंद पहुंचे शिमला, बोले-प्रदेश में पार्टी को करेंगे मजबूत

Muzaffarnagar road accident: ट्रक की जोरदार टक्कर से एंबुलेंस के उड़े परखच्चे, 3 की दर्दनाक मौत और 4 अन्य गंभीर घायल

प्रदीप नरवाल ने हरियाणा कांग्रेस की दलित राजनीति में रखा कदम