किसी भी उम्र का व्यक्ति बैठ सकता है क्लैट परीक्षा में: हाईकोर्ट

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2015 - 10:37 PM (IST)

इलाहाबाद: संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट) में बैठने के लिए अधिकतम आयु सीमा 20 वर्ष करने संबंधी प्रावधान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। अब इस परीक्षा में किसी भी उम्र का व्यक्ति प्रवेश के लिए शामिल हो सकता है। 
 
लॉ की इस पांच वर्षीय कोर्स परीक्षा में बैठने के लिए डाक्टर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय लखनऊ ने अधिकतम आयु सीमा बीस वर्ष रखी थी। इसी के साथ न्यायालय ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा लेने वाले डा. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति को प्रवेश परीक्षा के अर्ह सभी अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने विश्वविद्यालय को अपनी वेबसाइट दुरुस्त करने को भी कहा है। विश्वविद्यालय द्वारा देश के 16 राष्ट्रीय लॉ कालेजों में पांच वर्षीय विधि कोर्स की प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई है। जिसके लिए 31 मार्च 2015 तक आवेदन स्वीकार करने की तिथि है तथा प्रवेश परीक्षा 10 मई 2015 होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता ने देवाशीष पाठक एवं 20 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए आज दिया है। 
 
न्यायालय ने कहा है कि बार कौंसिल आफ इण्डिया को विधि शिक्षा मानक तय करने का अधिकार है। जिसके तहत उसने 2008 में नियम बनाए जिसमें प्रवेश की आयु सीमा नियत की गई है। जिसकी वैधता को चुनौती दी गई। इसके बाद बार कौंसिल ने आयु बाध्यता वापस ले ली है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ऐसे अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जिनकी उम्र 20 वर्ष से अधिक हो गई है। इस पर यह याचिका दाखिल की गई थी। याचीगण का कहना था कि वे प्रवेश परीक्षा में बैठने की अर्हता रखते हैं परन्तु उम्र 20 वर्ष से अधिक होने के कारण उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने सामान्य के लिए 20 वर्ष व आरक्षित वर्ग के 22 वर्ष अधिकतम आयु सीमा तय की थी। जिसे न्यायालय ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के विपरीत माना है और इसे रद्द कर दिया है। 
 
 
 

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