अाम बजट 2015: वित्त मंत्रालय पहुंचे जेतली,क्या मिलेगी रसोई को राहत?

punjabkesari.in Saturday, Feb 28, 2015 - 10:31 AM (IST)

नई दिल्लीः  अपना पहला पूर्ण आम बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज सबसे पहले बजट की कॉपी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपी। इसके बाद वह संसद भवन पहुंचे, जहां  इसे मंजूरी देने के लिए कैबिनेट की बैठक शुरु हो गई है इसके बाद वह लोकसभा में 11 बजे बजट पेश करेंगे।

फेडरेशन ऑफ चेम्बर ऑफ  कार्मस एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त अध्यक्ष आर.एस. गोस्वामी कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि जेटली द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में कर प्रक्रिया के सरलीकरण का प्रावधान जरूर होगा। कारोबारी कर अदा करता है और देना चाहता है, लेकिन कर की जटिलताएं उसे परेशान कर देती हैं।

गोस्वामी कहते हैं कि मल्टीपल टैक्स प्रक्रिया ने कारोबारियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार को याद करते हुए कहते हैं कि तब एक आवेदन मात्र भरने से कर देने की प्रक्रिया पूरी हो जाती थी, लेकिन अब स्थितियां अलग हैं। कई-कई आवेदन भरने पड़ते हैं। उन कारोबारियों के लिए तो ज्यादा ही समस्या है जो एक से ज्यादा कारोबार करते हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार कर का सरलीकरण करेगी।

एसबीआई ऑफीसर्स एसोसिएशन, भोपाल के क्षेत्र-3 के सचिव वीरेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि कर्मचारी चाहता है कि कर की छूट में वृद्धि हो। इतना ही नहीं, हर किसी के लिए मकान बनाना एक सपना होता है, उसके लिए वह बैंक से कर्ज लेता है, उम्मीद है कि यह सरकार आवास ऋण की ब्याज दर में कमी लाएगी।

दौलतराम इंडस्ट्रीज के प्रमुख उद्योगपति सी.पी. शर्मा का कहना है कि सत्ता में आई मोदी सरकार ने जो भी दृष्टिकोण पेश किए हैं, घोषणाएं की हैं, उनको अमल में लाने का वक्त आ गया है। लिहाजा, मंदी का दौर खत्म करने के प्रयास होने चाहिए, साथ ही ब्याज दर में कमी आवश्यक है।

गृहिणी गीता देवी कहती हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट इसलिए दिया था, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि यह सरकार महंगाई पर काबू पाएगी और उनकी रसोई आसानी से चल पाएगी। वह कहती हैं कि पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस के दाम कम हुए हैं, लेकिन उस अनुपात में नहीं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम हुए हैं।

उन्हें उम्मीद है कि सरकार के बजट में रसोई के सामान के दाम में कमी आएगी। साथ ही उनके सौंदर्य प्रसाधन सहित अन्य सामानों पर लगने वाले करों में कमी आने की उम्मीद है और वह कहती हैं कि अगर ऐसा होता है, तभी उन्हें लगेगा कि अब सचमुच ''अच्छे दिन'' आ गए हैं।

 

 


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