जमीयत के मुफ्ती का विवादस्पद बयान ''भगवान शंकर हमारे पहले पैगंबर''

punjabkesari.in Thursday, Feb 19, 2015 - 11:27 AM (IST)

अयोध्या: धर्म के नाम पर नेता और धर्मिक संगठन आए दिन विवादस्पद बयान देते रहते हैं। बात चाहे घर वापिसी की हो, धर्म परिवर्तन की हो या अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने की इन मुद्दों पर सभी के विचार और मत अलग-अलग हैं। वहीं विवादस्पद बयान देने की कतार में जमीयत उलमा, बलरामपुर के सरपरस्त मुफ्ती मोहम्मद इलियास भी शामिल हो गए।

मोहम्मद इलियास ने अयोध्या में शनिधाम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भगवान शंकर हमारे पहले पैगंबर हैं। उन्होंने कहा कि शंकर और पार्वती हमारे मां-बाप हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का हम विरोध नहीं करते हैं। जैसे चाइनीज व जापानी हैं। वैसे ही हम हिंदुस्तानी हैं। हम भी सनातनधर्मीं हैं।’

साथ ही जमीयत उलमा के मौलानाओं ने समाज की बुराइयों को खत्म करने व सामाजिक सौहार्द और एकता के लिए बलरामपुर में 27 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय कौमी एकता कॉन्फ्रेंस के लिए संतों को आमंत्रित किया। जमीयत उलमा ने इस दौरान आतंकवाद का पुतला फूंककर विरोध भी दर्ज कराया।

मौलानाओं ने कहा कि सभी को शास्त्र और शरीयत के हिसाब से चलना चाहिए। शनिधाम के स्वामी हरदयाल शास्त्री व श्रीराम जन्मभूमि के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने भी अपने विचार रखे। जमीयत उलेमा ने कहा कि दुनिया का कोई मजहब हिंसा की इजाजत नहीं देता।

वहीं जमीयत उलमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास के बयान पर शहर के उलमा ने कहा है कि भगवान शंकर को मुसलमानों का पहला पैगंबर बताना उनका अपना विचार है। हर धर्म अपनी धार्मिक आस्था के आधार से समाज से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म को मानने वाले और मुस्लिम धर्म को मानने वालों का अलग-अलग इतिहास है और इसे किसी से जोड़ा नहीं जा सकता।

दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ. कल्बे सादिक ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद इलियास धर्म के नाम पर विवाद न खड़ा करें क्योंकि इस तरह के बयान से पहले वह हिंदू धर्म के बारे में जानें, क्योंकि शंकर भगवान हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र हैं।


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