SC ने कहा, खुशकिस्मत हो कि सात साल की सजा हुई

punjabkesari.in Sunday, Feb 01, 2015 - 05:38 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में दोषी सास को सात साल की सजा दी है। अदालत ने कहा कि जिस तरह का यह अपराध है, उसके हिसाब से सजा बहुत कम है। अदालत ने कहा कि उसे खुद को खुशकिस्मत समझना चाहिए कि उसे महज सात साल की सजा सुनाई गई है, क्योंकि  शादी के करीब एक साल बाद ससुराल में महिला की मौत दर्शाती है कि ससुराल वालों ने उसका किस कदर जीना दूभर कर रखा था।
 
अदालत ने कहा कि दहेज के लिए बहू को परेशान करना, मारना-पीटना बेहद गंभीर बात है और इसके लिए सात साल से भी अधिक सजा सुनाई जा सकती थी। बता दें कि कृष्णाबाई की शादी मई, 1989 को हनुमंत के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसे ससुराल में जेवर, सामान आदि के लिए प्रताडि़त किया जाने लगा। इतना ही नहीं कृष्णाबाई को सास द्वारा मारा-पीटा भी जाता था। 26 फरवरी, 1990 को कृष्णाबाई 100 फीसदी जली हुई अवस्था में अपने कमरे में मृत मिली।

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