अरशद मदनी बोले: पहलगाम हमला करने वाले आतंकियों को ''जाहिल'' कहने के साथ मुस्लिमों को निशाना बनाना भी बताया गलत

punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में सैलानियों को मजहब पूछकर मारने वाले आतंकवादियों को ‘जाहिल' बताते हुए रविवार को कहा कि इस्लाम किसी भी बेगुनाह के कत्ल की इजाजत नहीं देता है और इस हमले की आड़ में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना भी गलत है। मौलाना मदनी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में जिन लोगों के घर ढहाए गए हैं और सरकार को अगर “100 फीसदी यकीन' है कि वे इसमें शामिल थे, तो यह कार्रवाई बिल्कुल ठीक है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे किसी आतंकी हमले को रोकने के लिए सरकार को इसके स्रोत को बंद करना होगा। जमीयत (एएम) की दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहलगाम में हमला करने वाले आतंकवादी इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानते और वे ‘जाहिल हैं क्योंकि इस्लाम बेगुनाह के कत्ल की इजाजत नहीं देता।

मदनी ने सुरक्षा चूक के सवाल पर कहा कि सरकार इसकी जांच कराए कि सीमा के भीतर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि सरकार को आतंकवाद के उस स्रोत को रोकना चाहिए जहां से यह हो रहा है। पहलगाम हमले के बाद देश के अलग- अलग हिस्सों में मुस्लिमों और कश्मीरी लोगों को निशाना बनाने की घटनाओं पर उन्होंने आरोप लगाया, “यह सरकार की नीति है नफरत की, इसलिए वो ये कर रहे हैं। वरना ये नहीं होना चाहिए। अपने मुल्क में शांति कायम रखना चाहिए। जो लोग ऐसा कर रह रहे हैं वो लोग मुजरिम हैं।” पहलगाम हमले के संदर्भ में उन्होंने कहा कि दोषियों को दी जाने वाली किसी भी सजा का वह समर्थन करेंगे लेकिन निर्दोष लोगों को निशाना बनाना सही नहीं है।

हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता संबंधी एक सवाल के जवाब में मदनी ने कहा कि किसी पर जुल्म के लिए अपनी जमीन, हथियारों और लोगों का इस्तेमाल किए जाने की वह निंदा करते हैं- फिर चाहे पाकिस्तान हो, अमेरिका, चीन या हिंदुस्तान ही क्यों न हो। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को 26 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें ज्यादातर सैलानी थे। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को उन्होंने सही ठहराया लेकिन साथ ही कहा कि इसकी आड़ में बांग्ला भाषी पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा के लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के साथ युद्ध के सवाल पर उन्होंने कहा कि जंग अच्छी चीज़ नहीं होती है और इसके आर्थिक दुष्प्रभाव भी होंगे। वक्फ संशोधन कानून के संबंध में उन्होंने फिर दोहराया कि यह संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया गया है। इससे वक्फ संपत्तियों का बचाव नहीं होगा, बल्कि उन्हें छीना जाएगा। 


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News Editor

Rahul Rana

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