आतंकियों का ''काल'' बन चुका अपाचे भारतीय वायु सेना में शामिल, जानें खूबियां

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2019 - 10:38 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया अमेरिका में बना अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और क्षमताओं से लैस है। इस हेलीकॉप्टर में हवा से हवा में मार करने वाली ‘स्टिंगर मिसाइल', ‘फायर कंट्रोल रडार' भी है जो 360 डिग्री घूम सकता है। यह हेलीकॉप्टर सभी तरह की परिस्थितियों और मौसम में 24x7 अभियान चलाने में सक्षम है। भारतीय वायु सेना ने आठ जंगी हेलीकॉप्टर को मंगलवार को अपने बेड़े में शामिल किया, जो भारतीय वायुसेना की ताकत में इज़ाफा करेगा। इस बाबत पठानकोट वायु स्टेशन पर समारोह का आयोजन हुआ था।
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एएच-64ई अपाचे दुनिया के सबसे आधुनिक कई भूमिकाएं निभाने वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है और इसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना करती है। वायुसेना ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लि के साथ 22 हेलीकॉप्टर के लिए कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। वायु सेना ने बताया कि ये हेलीकॉप्टर आधुनिक हथियार प्रणाली से लैस हैं, जिसमें हवा से हवा में मार करने वाली ‘स्टिंगर' मिसाइल, हवा से जमीन पर मार करने वाली ‘हेलफायर मिसाइल', 70 एमएम हाइड्रा रॉकेट, और 30 एमएम चेन गन है जिसमें 1200 गोलियां आ सकती हैं।
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वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने अपाचे को विश्व के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि इन अपाचे हेलीकॉप्टरों में भारतीय वायुसेना की जरूरतों के अनुसार बदलाव किया गया है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, रॉकेट हैं और अन्य असलहा है और इसमें आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं भी हैं जो हेलीकॉप्टर को कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम बनाती है।
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वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू हेलीकॉप्टर लंबे अभियान और उष्णकटिबंधीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में अभियान चलाने में भी सक्षम है। उन्होंने बताया कि इसमें ‘फायर कांट्रोल रडार है जो 360 डिग्री तक घूम सकता है। साथ में नाइट विज़न प्रणाली भी है। समारोह के दौरान तीन अपाचे एएच 64ई हेलीकॉप्टरों को प्रदर्शनी के लिए रखा गया था जबकि दो अन्य हेलीकॉप्टर आसमान में अपनी क्षमताओं से रू-ब-रू करा रहे थे। इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन लगे हैं।
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यह दो पायलटों वाला हेलीकॉप्टर है जिसमें शीशे का कॉकपिट है और इसकी गति 186 नॉट्स जा सकती है और इसकी मारक क्षमता 300 मील तक है। ये हेलीकॉप्टर दिन और रात और सभी मौसम के लिए अनुकूल होंगे। वायु सेना अकादमी के कमांडेंट और जंगी हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले सबसे वरिष्ठ सेवारत पायलट एयर मार्शल अरविंद्रा सिंह बुटोला ने भी समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह आधुनिक हेलीकॉप्टरों में से एक है और इसने कई संघर्षों में हिस्सा लिया और सफलता हासिल की। अपाचे को शामिल करने से वायुसेना की अभियान चलाने की क्षमताओं में इजाफा हुआ है और उसे और ताकत मिली है।
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बुटोला ने पत्रकारों से कहा कि कई तरह से मदद करेगा क्योंकि हमारे क्षेत्रों में जंगलों से लेकर पहाड़ तक शामिल हैं। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी दिन और रात में 24x7 की क्षमता उपलब्ध कराएगी। हम दिन और रात में से किसी भी समय लक्ष्य साधने में सक्षम होंगे।

 


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Yaspal

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