ऑफ द रिकॉर्ड: गांधियों के लिए एक और झटका

punjabkesari.in Thursday, Oct 26, 2017 - 08:23 AM (IST)

नेशनल डेस्कः क्या आपने यू.टी. कैडर के 1991 बैच के पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी ज्ञानेंद्र बडग़इयां के बारे में सुना है? उनका नाम अंतिम बार तब सुना गया था जब उन्होंने राजीव गांधी फाऊंडेशन के निदेशक के पद पर काम किया था। वह कुछ समय के लिए प्रियंका गांधी के निजी सचिव भी रहे क्योंकि वह अपनी मां सोनिया गांधी के अधीन फाऊंडेशन के कामकाज देखती थीं मगर ज्ञानेंद्र को बिना किसी कारण के पद से बर्खास्त कर दिया गया। वह प्रिंस्टन से पब्लिक पॉलिसी में पीएच.डी. के साथ एक प्रतिभाशाली अधिकारी समझे जाते हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज और दिल्ली स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।

लम्बे समय तक शांत रहने के बाद वह सुर्खियों में आ रहे हैं। उन्हें इंडिया टैक आर्गेनाइजेशन का नया सी.ई.ओ. नियुक्त किया जा सकता है जो फ्लिपकार्ट, ओला, मेक माई ट्रिप जैसी घरेलू ई-कॉमर्स कम्पनियों की मदद के लिए नया लॉबिंग ग्रुप है। ऑफलाइन बिजनैस से घरेलू ई-कॉमर्स कम्पनियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिनमें दुकानदार और थोक व्यापारी शामिल हैं। वे चाहती हैं कि ऑनलाइन कम्पनियों पर अधिक कर लगाया जाए क्योंकि वे छोटे व्यापारियों की जीविका हड़प रही हैं। इन ई-कॉमर्स कम्पनियों को एमेजॉन जैसी विशाल वैश्विक कम्पनियों से भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि लॉबिंग ग्रुप को वित्त मंत्रालय का आशीर्वाद प्राप्त है।


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