अमित शाह ने पूर्वोत्तर के बाढ़ प्रभावित राज्यों का जायजा लिया, हरसंभव मदद का आश्वासन दिया

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 07:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को चक्रवात ‘रेमल' के कारण पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शाह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और मिजोरम की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और उन्होंने प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की।

अमित शाह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और मिजोरम में चक्रवात ‘रेमल' के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं के बारे में चिंतित हूं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्थिति से अवगत कराया, जिन्होंने प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।'' केंद्रीय गृह मंत्री ने पांचों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और अधिकारी प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।''


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने शाह से हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें इस कठिन समय में भारत सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके सक्रिय प्रयासों के लिए आभारी हैं।'' अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात ‘रेमल' के बाद लगातार बारिश के कारण पूर्वोत्तर में कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और इससे लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि असम में 28 मई से बाढ़, बारिश और तूफान में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई।
 

हारंगजाओ के पास एक खंड बह जाने के बाद हाफलांग-सिलचर रोड पूरी तरह से कट गया है, जबकि हाफलांग-हरांगजाओ मार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि हाफलांग-बदरपुर रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण रद्द की गई या कुछ ही समय के लिए रोक दी गई ट्रेन सेवाएं अभी तक बहाल नहीं हो पाई हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात ‘रेमल' के प्रभाव के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से पहले असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में प्रवेश कर गया है।

 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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