कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे और एजेंडा एक... J&K में अनुच्छेद 370 पर अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा
punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 02:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर सियासत में फिर से गर्माहट आ गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को बीजेपी के निशाने पर ला दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ख्वाजा आसिफ के इस बयान को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।
ख्वाजा आसिफ का विवादित बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वह अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "हम अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस गठबंधन के रुख से सहमत हैं।" इस बयान ने जम्मू-कश्मीर में चुनावी राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है और कई राजनीतिक दलों को इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया है।
अमित शाह का ट्विटर हमला
अमित शाह ने इस मुद्दे पर X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि ख्वाजा आसिफ का बयान कांग्रेस को एक बार फिर एक्सपोज करता है। उन्होंने लिखा, "कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे और एजेंडा दोनों एक हैं।" यह बयान भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे कांग्रेस को पाकिस्तान के साथ जोड़कर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। शाह ने राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि वह हमेशा भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं, चाहे वह एयर स्ट्राइक के सबूत मांगना हो या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें करना। शाह ने यह भी कहा, "कांग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है।" उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मोदी सरकार के रहते कश्मीर में न तो अनुच्छेद 370 वापस आएगा और न ही आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा।
कांग्रेस की चुप्पी बन रही राजनीतिक खतरा
जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा किया है, वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। उनकी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 का जिक्र नहीं किया, हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। कांग्रेस की इस चुप्पी को कुछ राजनीतिक विश्लेषक देश विरोधी गतिविधियों के साथ जोड़कर देख रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हो सकती है।
अनुच्छेद 370 का क्या है महत्व
अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान है, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है। यह अनुच्छेद 2019 में केंद्र सरकार द्वारा हटाया गया था, जिसके बाद से इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। अनुच्छेद 370 के अंत के बाद, जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानून लागू हो गए हैं, जिससे वहां की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।
चुनावी माहौल में उबाल
ख्वाजा आसिफ के बयान और अमित शाह के प्रतिक्रिया ने जम्मू-कश्मीर के चुनावी माहौल को और गरम कर दिया है। सभी पार्टियाँ अपने-अपने दावे और वादे लेकर जनता के पास पहुंच रही हैं। यह देखने में दिलचस्प होगा कि इस सियासी घमासान के बीच कांग्रेस कैसे अपनी स्थिति स्पष्ट करती है और क्या वे ख्वाजा आसिफ के बयान का जवाब देने के लिए सामने आएंगे या चुप्पी साधे रहेंगे। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों का यह सिलसिला आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में सियासत में और भी ताजगी देखने को मिल सकती है।