Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा में लगंर लगाने वाली कमेटियां श्राइन बोर्ड से खफा, आंदोलन की चेतावनी

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2022 - 04:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: श्री अमरनाथ यात्रा में लंगर लगाने वाली कमेटियों और श्राइन बोर्ड के बीच तनातनी की खबरें हैं। लंगर लगाने वाली कमेटियों ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के कुछ अधिकारियों द्वारा बुरे व्यवाहर पर आपत्ति जताई है, साथ ही आंदोलन की चेतावनी दी है। लंगर कमेटियों ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान न दिया और हमारे प्रतिनिधि मंडल से वार्तालाप करने का टाइम नहीं दिया तो मजबूरन देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और उसके तानाशाह अधिकारियों की होगी।

 

हम कोई अपराधी नहीं- लंगर कमेटियां
श्री अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्गों (बालटाल से पवित्र गुफा और पहलगाम से पवित्र गुफा) में नि:शुल्क सेवा प्रदान करने वाले सभी भंडारों की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। यात्रा के दौरान 115 भंडारों का नेतृत्व करने वाले सेबलो और सायबो दोनों संगठन एकजुट हो गए और 21.05.2022 (शनिवार) को श्राइन बोर्ड द्वारा आयोजित हुई बैठक में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अपनाए गए तानाशाही, घृणा पूर्ण, अनैतिक और अमानवीय व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की। जो शब्दावली सभी भण्डारे वालों के प्रति इस्तेमाल की गई, उसकी सभी भण्डारे वालो ने कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि हम कोई अपराधी नहीं है जो हमारा इस प्रकार से तिरस्कार किया जाए। श्राइन बोर्ड के कुछ अधिकारियों द्वारा भंडारे लगाने वाली संस्थाओं के द्वारा किए जा रहे उच्च कोटि की सेवा कार्यों को छोटा करके दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। 

 

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड का आक्रामक रवैया
नीतीशवर कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अनूप सोनी, ओएसडी बैठक में लगभग आधे घंटे की देरी से आए जबकि बैठक की व्यवस्था उन्होंने स्वयं ही की थी अपना संबोधन शुरू करते ही तुरंत लंगर संगठनों को बुरी तरह से चेतावनी देना और डराना धमकाना शुरू कर दिया। बोर्ड के गठन के बाद के इतिहास में पहली बार इस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया । वैसे तो जब (2019) से अनूप सोनी श्राइन बोर्ड में आए हैं तब से इन्होंने भंडारों के प्रति और भंडारों के संगठनों के प्रति नकारात्मक रवैया अपना रखा है । 2019 से ही श्राइन बोर्ड के कुछ अधिकारियों का बर्ताव भंडारे लगाने वाली संस्थाओं और उनके संगठनों के प्रति आक्रमक, पूर्वाग्रह से ग्रस्त और दुर्भावना से भरा रहा है। लंगर लगाने वाली संस्थाओं का मत है कि श्री अमरनाथ जी की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की इतने वर्षों से निशुल्क सेवा कर रहे हैं तो श्राइन बोर्ड के अधिकारियों का दुर्व्यवहार असहनीय है। श्राइन बोर्ड के पूर्ववर्ती अधिकारियों ने हमेशा ही लंगर संगठनों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही निशुल्क सेवाओं की सराहना की और बार बार कहा कि यह यात्रा निशुल्क लंगर लगाने वाली संस्थाओं की सेवाओं के बिना संभव नहीं है।

 

लंगर संगठनों का पंजीकरण रद्द करने की चेतावनी
श्राइन बोर्ड के वर्तमान सीईओ और ओएसडी की चेतावनी से लंगर संगठन बुरी तरह से आहत और आक्रोशित हुए हैं। जब उन्होंने कहा के श्राइन बोर्ड द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन नहीं करने पर लंगर संगठनों का पंजीकरण रद्द कर देंगे और उन्हें तुरंत पैक करवा के हमेशा के लिए वापिस भेज देंगे तो इससे भंडारे लगाने वाली संस्थाओं को यात्रा में हतोत्साहित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सेबलो और सायबो, दोनों के प्रधान का समान विचार है कि सभी लंगर वालों को इस तरह के अनैतिक और निंदनीय बर्ताव का कड़ा विरोध करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो हर लोकतांत्रिक विकल्प का पालन करना चाहिए जैसे: गृह मंत्री अन्य उच्च राजनीतिक अधिकारियों, नेताओं जो हिन्दू, हिंदुत्व, हिन्दू राष्ट्र के उच्च मूल्यों का दावा करते हैं से संपर्क कर के अवगत कराना इत्यादि। 

 

लंगर संगठनों ने श्राइन बोर्ड को दी आंदोलन की चेतावनी
हम श्राइन बोर्ड को चेतावनी देते हैं कि यदि वे लंगर संगठनों के बारे में अपनी सोच में सुधार नहीं किया तो हम इस यात्रा के दौरान किसी को भी किसी भी तरह की निशुल्क सेवाएं नहीं देने के लिए मजबूर होंगे। श्री विजय ठाकुर और श्री राजन कपूर द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि 1-2 दिन में वरिष्ठ सदस्यों की एक ग्यारह सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा और इस मुद्दे पर उचित निर्णय लिया जाएगा । मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 11 सदस्यों की समिति द्वारा किया जाएगा, उस निर्णय का पालन सभी लंगर संघटन को मान्य होगा और वह सदस्यों को जो भी निर्देश देते हैं उनका निर्णयों को पूरी निष्ठा के साथ स्वीकार करेंगे । भंडारे लगने वाले संगठनों के प्रबंधकों ने रोष जताते हुए कहा कि हम भोले के भक्तों की तन, मन और धन से सेवा करते हैं और भंडारे वाले कोई गुनहगार या अपराधी नहीं हैं। 

 

सही मायने में अमरनाथ यात्रा में आने वाले यात्रियों के रात्रि विश्राम और उनके भोजन की व्यवस्था का दायित्व श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड का था और वह इसमें पूरी तरह से विफल रहे हैं। उनकी विफलता की भरपाई या यों कहें कि उनका कार्य भंडारे लगाने वाली संस्थाएं कर रही हैं। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों का दायित्व तो यह बनता है कि वह भंडारा लगाने वाली संस्थाओं का खुले दिल से समर्थन करें परंतु इसके उलट श्राइन बोर्ड के अधिकारी भंडारे वालों को डरा धमका रहे हैं। उनका छिपा हुआ मकसद उदेश्य ही शायद भंडारे वालों हतोत्साहित करके भंडारे लगाने से रोकने ही है ताकि यात्रा में विभिन्न पड़ावों पर यात्रियों को लूटा जा सके। 

 

बर्दाश्त नहीं होगा दुर्व्यवाहर
आज तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया जैसा वर्तमान सीईओ (CEO) और ओएसडी (OSD) ने जैसी भाषा का प्रयोग भण्डारे वालो के प्रति किया है एक भूतपूर्व राज्यपाल श्री वोहरा थे जिन्होंने 2017 में सभी भण्डारे वालो को जम्मू में बुलाकर खुद अपने हाथों से सम्मानित किया था और 2018 में सेबलो के पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए श्राइन बोर्ड की मीटिंग में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था और आज जिन संगठनों की मांग पर श्राइन बोर्ड की उत्तपत्ति हुई है उसी बोर्ड के अधिकारी भंडारे वालों से दुर्व्यवहार करते हैं, हमें मिलने का भी टाइम नहीं देते। ऊपर से धमकीपूर्ण शब्दावली से छोटी सी गलती के लिये हमेशा के लिये (ब्लेक लिस्ट) निष्कासित करने की धमकी देते है जो की मर्यादित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब हो रहा है जब धारा 370 हट चुकी है और हिंदूवादी सरकार देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। हम देश के गृहमंत्री जी से अनुरोध करते है कि ऐसे तानाशाही अधिकारियो जो भंडारो वालों को हीन भावना से देखते हैं ओर तुगलकी फरमान देते हैं ऐसे अधर्मी अधिकारियों को तुरन्त इस पद से हटाया जाय और जो शर्ते हम पर थोपी गई है, उन्हें हमारे प्रतिनिधियों के साथ बैठकर सरल बनाया जाए। हम यात्रियों की सेवा करने के प्रति समर्पित है।

 

पुलिस वेरिफिकेशन की शर्त हटाई जाए
देश मे ऐसी कौन-सी यात्रा है जिसमें लंगर लगाने वाले सेवादार की पुलिस वेरिफिकेशन होती है। अमरनाथ यात्रियों की सेवा में लंगर सेवा करने में ये शर्त भी हमारे माथे पर एक कलंक ही जो हमारी सेवा को कंलकित करती है ये शर्त भी हटाने का हम गृहमंत्री जी अनुरोध करते है।


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Content Writer

Seema Sharma

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