दिवाली-छठ पर आसमान छू रहे हवाई किराए और होटल रेट्स, यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें

punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 06:05 AM (IST)

नेशनल डेस्कः दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के करीब आते ही पूरे देश में यात्रा की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। इस बढ़ती मांग का सीधा असर अब हवाई टिकटों, ट्रेनों और होटलों की कीमतों पर पड़ रहा है। दिल्ली, मुंबई, पटना, वाराणसी, लखनऊ, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों से उड़ानों के किरायों में 100 से 250 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हवाई टिकटों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल

त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ उत्तर भारत और बिहार-झारखंड जाने वाली उड़ानों में देखी जा रही है। दिल्ली से पटना का किराया सामान्य दिनों में जहां 4,000 से 5,000 रुपये था, अब 15,000 से 20,000 रुपये तक पहुंच चुका है। लखनऊ से मुंबई की फ्लाइट्स 22,000 से 25,000 रुपये तक बिक रही हैं। हैदराबाद से नागपुर या कोलकाता जाने वालों को भी 11,000 से 16,000 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। बेंगलुरु, पुणे और अहमदाबाद से इंदौर आने वाली उड़ानों में भी कीमतें तीन गुना तक बढ़ी हैं।

DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने एयरलाइंस को बढ़ती मांग को देखते हुए अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने की सलाह दी थी। इसके बाद इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने कुल 1700 अतिरिक्त उड़ानों की घोषणा की है। फिर भी किराए में कोई राहत नहीं दिख रही है।

होटल बुकिंग्स में भी 25% की बढ़ोतरी

त्योहारों में न केवल फ्लाइट्स बल्कि होटल्स और होम-स्टे की दरें भी बढ़ गई हैं। जयपुर, उदयपुर, गोवा, ऋषिकेश, वाराणसी, शिमला और केरल जैसे टूरिस्ट सर्किट्स में होटल रूम रेट्स 20–25% तक बढ़े हैं। प्रीमियम होटल्स और हेरिटेज प्रॉपर्टीज़ में रूम रेट्स में 50% तक उछाल देखा जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स के मुताबिक, दीवाली से ठीक पहले होटल बुकिंग्स में पिछले साल की तुलना में 30% तक वृद्धि हुई है।

क्यों बढ़े हवाई किराए?

एविएशन विशेषज्ञों के मुताबिक, डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम इसका सबसे बड़ा कारण है। त्योहारों में सीटों की मांग बढ़ने से जैसे-जैसे फ्लाइट भरती जाती है, बाकी बची सीटों की कीमतें स्वतः बढ़ती जाती हैं। भारत में अभी तक हवाई किराए पर कोई सरकारी मूल्य नियंत्रण (price regulation) नहीं है, इसलिए एयरलाइंस बाजार के हिसाब से दाम तय करती हैं। एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि वे जानबूझकर कीमतें नहीं बढ़ा रहीं, बल्कि यह सिस्टम पूरी तरह “डिमांड और सप्लाई” पर निर्भर करता है।


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Content Writer

Pardeep

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