एयर इंडिया से हुई बड़ी चूक, 147 लोगों की जिंदगी पड़ गई थी खतरे में, जांच के निर्देश हुए जारी
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 01:44 PM (IST)

चेन्नई : चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा को लेकर हुई बड़ी चूक का मामला सामने आया है। दरअसल, एयर इंडिया के एक यात्री विमान को, जो बर्ड हिट (पक्षी टकराने) की घटना का शिकार हुआ था, उसी स्थिति में कोलंबो से 147 यात्रियों को लेकर चेन्नई भेज दिया गया। बाद में जांच में पाया गया कि विमान उड़ान के लायक नहीं था।
इंजन में फंसा हुआ मिला पक्षी का शव
घटना की शुरुआत तब हुई जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI 287, जिसमें 158 यात्री और 6 क्रू सदस्य सवार थे, मंगलवार तड़के चेन्नई से कोलंबो पहुंची। लैंडिंग के दौरान विमान से पक्षी टकरा गया था। कोलंबो के बांदरणायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग के बाद जब ग्राउंड इंजीनियरों ने नियमित जांच की, तो एक इंजन में पक्षी का शव फंसा हुआ मिला। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि पक्षी टकराने की घटना लैंडिंग के दौरान हुई थी।
हालांकि, श्रीलंकाई हवाई अड्डा इंजीनियरों ने शुरुआती निरीक्षण के बाद विमान को वापसी उड़ान के लिए मंजूरी दे दी। इसके बाद वही विमान सुबह 3:20 बजे कोलंबो से 147 यात्रियों और 6 क्रू सदस्यों के साथ चेन्नई के लिए रवाना हुआ। विमान ने 4:34 बजे सुरक्षित लैंडिंग की और सभी यात्री सकुशल उतर गए। लेकिन स्थिति तब गंभीर हो गई जब चेन्नई हवाई अड्डे पर एयर इंडिया और एयरपोर्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों की टीम ने विमान की विस्तृत जांच की। जांच में सामने आया कि विमान के इंजन की एक फैन ब्लेड टूटी और क्षतिग्रस्त थी, जो संभवतः बर्ड हिट का सीधा असर था।
जांच के निर्देश हुए जारी
इंजीनियरों ने तुरंत विमान को उड़ान के लिए अनुपयुक्त घोषित करते हुए ग्राउंड कर दिया। इसके बाद विमान को हवाई अड्डे के एक दूरस्थ पार्किंग बे में रख दिया गया, जहां उसकी मरम्मत और विस्तृत जांच की जा रही है। इस घटना ने विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि बर्ड हिट के बाद भी उसी विमान से 153 लोगों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान कराई गई। कुल मिलाकर, बर्ड हिट के बाद विमान में 321 यात्री और क्रू सदस्य सफर कर चुके थे। घटना के बाद चेन्नई हवाई अड्डे पर हड़कंप मच गया। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि किस प्रक्रिया और निर्णय के तहत विमान को क्षति के बावजूद उड़ान भरने की अनुमति दी गई।