भारत को आंख दिखा रहे दुश्मनों के मुकाबले को तेजस तैयार, एयरफोर्स चीफ ने भरी उड़ान(Video)

punjabkesari.in Wednesday, May 27, 2020 - 12:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन और नेपाल के साथ चल रहे विवाद के बीच भारत ने अपनी ताकत बढ़ा दी है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस भदौरिया ने बुधवार को वायु सेना के 18वें दस्ता ‘फ्लाइंग बुलेट्स' में शामिल प्रसिद्ध सुपरसोनिक एलसीए तेजस विमान से उड़ान भर ली है।  इसके लिए कोयंबटूर के नजदीक सुलुर में वायुसेना हवाई अड्डा पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

#WATCH Air Force Chief RKS Bhadauria landing the LCA Tejas Aircraft after a sortie at the induction ceremony of the second squadron of the LCA Tejas fighters in Sulur, Tamil Nadu today. pic.twitter.com/WvFvhMstiw

— ANI (@ANI) May 27, 2020

 

इस स्क्वाड्रन का कूट नाम ‘फ्लाइंग बुलेट्स' रखा गया है। तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 40 तेजस विमानों का आर्डर दिया है और जल्दी ही एचएएल को 83 और विमानों का आर्डर दिया जा सकता है जिसमें लगभग 38,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

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वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन की स्थापना 1965 में की गई थी और इसका आदर्श वाक्य है ‘तीव्र और निर्भय।' पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाली इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवा मुक्त कर दिया गया था और इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को एक अप्रैल 2020 को पुनः शुरू किया गया था। इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति द्वारा ध्वज प्रदान किया गया था। 

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एफओसी यानि फाइनल ओपरेशनल क्लीयेरेंस, तेजस लड़ाकू विमान, बियुंड विजयुल रेंज (बीवीआर) मिसाइल से लैस है जो 50 किलोमीटर दूर ही टारगेट को लॉक कर सकती है। लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में इजरायल की डर्बी बीवीआर मिसाइल लगी है। साथ ही इन एफओसी एयरक्राफ्ट्स में एयर टू एयर रिफ्यूलिंग तकनीक भी है. यानि हवा में ही रिफ्यूलिंग हो सकती है। 
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vasudha

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