RCOG की समिति ने सर्विकल कैंसर रोकने के लिए एचपीवी टीकाकरण को अनिवार्य बनाने की सिफारिश
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 05:25 PM (IST)
नेशनल डेस्क. रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (आरसीओजी) की अखिल भारतीय समन्वय समिति (एआईसीसी आरसीओजी) ने सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए किशोरियों और कम उम्र की युवतियों के लिए अनिवार्य एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण की सिफारिश की है। यह सिफारिश सोमवार को जारी एक बयान में की गई है।
बयान में कहा गया कि समिति एचपीवी रोधी टीकाकरण का समर्थन करती है और भारत में इस टीके तक सभी पात्र किशोरियों और युवतियों की पहुंच सुनिश्चित करने की वकालत करती है। यह कदम भारत में एचपीवी से संबंधित रोगों को रोकने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गर्भाशय ग्रीवा (सर्विकल) कैंसर के मामलों में करीब 98.4% मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होते हैं।
समिति ने एक पत्र में कहा कि टीका लगवाने से पहले कोई जांच अनिवार्य नहीं है। एआईसीसी आरसीओजी की अध्यक्ष डॉ. उमा राम ने कहा - एचपीवी रोधी टीकों में 90% से अधिक कैंसर की रोकथाम करने की क्षमता है। किशोरियों और युवतियों का टीकाकरण स्वस्थ भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
समिति का कहना है कि एचपीवी संक्रमण के लिए उम्र एक प्रमुख जोखिम कारक है और 15 से 25 वर्ष की उम्र की किशोरियां और युवतियां इस संक्रमण के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील होती हैं। भारत में एचपीवी संक्रमण के अधिकांश नए मामले इसी आयु वर्ग में सामने आते हैं।
आरसीओजी का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और स्त्री एवं प्रसूति रोगों के इलाज में मानक स्थापित करना है। यह भारत में चिकित्सा प्रशिक्षण देने और सीओजी परीक्षा आयोजित करने के लिए भी काम करता है।