गाज़ियाबाद नगर निगम और एग्रोटेक इंडिया की टीम क्‍लीन्‍स ने अपशिष्‍ट जल प्रशोधन प्रोजेक्ट किया शुरू

punjabkesari.in Thursday, Apr 28, 2022 - 03:20 PM (IST)

टीम डिजिटल। गाज़ियाबाद नगर निगम और एग्रोटेक इंडिया की टीम क्‍लीन्‍स ने अपनी नई गाज़ियाबाद अपशिष्‍ट जल प्रशोधन परियोजना चलाने के लिये भागीदारी की है। इसके पीछे पानी को साफ करने वाली अत्‍याधुनिक तकनीकों का इस्‍तेमाल करते हुए 10-12 किलोमीटर लंबे साहिबाबाद ड्रेन/ बृज विहार नाले के सभी विकेन्द्रित सीवेज सिस्‍टम्‍स को ठीक और नवीकृत करने का विचार है।

बृज विहार नाला अत्‍यंत प्रदूषित है, जहाँ विभिन्‍न कैंसरकारी अपशिष्‍ट उत्‍पाद हैं, जैसे भारी धातुएं और आर्सेनिक, जो खतरनाक पेथोजन्‍स और बीमारियों का संवहन करते हैं, पानी की गुणवत्‍ता को प्रभावित करते हैं और जलाशय के भीतर तथा आस-पास के वन्‍यजीवन के लिये खतरा हैं। इस नाले की खराब स्थिति का कारण इससे लगे हुए इलाकों, जैसे श्री दुर्गा माता मंदिर और पास के बाजार एवं दुकानों, अलकनंदा अपार्टमेंट, पाइप मार्केट, से कचरे का अवैध रूप से आना और भोपुरा क्षेत्र से आने वाले प्रवाह को नियंत्रित करने में जे-पॉइंट पम्पिंग स्‍टेशन की विफलता है।

इस परियोजना के माध्‍यम से गाज़ियाबाद नगर निगम और टीम क्‍लीन्‍स ने तीन बड़ी समस्‍याएं हल करने की कोशिश की है: औद्योगिक एवं नगर निगम स्रोतों से आने वाले ठोस और घुले हुए प्रदूषकों से जल का प्रदूषण; बृज विहार नाले में जमा कीचड़ और तलछट; और मानसून के दौरान पानी के ओवरफ्लो का जोखिम, जिससे बाढ़ आ सकती है और आस-पास के इलाकों में संपत्ति को नुकसान हो सकता है।

इस परियोजना के 2 फेज हैं। फेज 1 में टीमों ने पानी की सतह पर तैर रहे कचरे को हटाने के लिये मेकैनिकल डिस्टिलिंग और ट्रेश बेरियर्स का इस्‍तेमाल किया है और जियोट्यूब टेक्‍नोलॉजी से पानी की गुणवत्‍ता को ठीक किया गया है, जिसके लिये हाइड्रोलिक प्रेशर का इस्‍तेमाल हुआ है, ताकि रेत को पानी से निकालकर जमीन पर पहुँचाया जा सके। टीमें अब तक लगभग 5 किलोमीटर नाले को कवर कर चुकी हैं (जे-पॉइंट से पुलिस स्‍टेशन लिंक रोड एरिया और भोपुरा से शहीदनगर मेट्रो स्‍टेशन) और लगभग 20,000 टन कीचड़ और तैरता कचरा निकालने में सफल हुई हैं।

डिस्टिलिंग की प्रक्रिया में पानी की बोतलें, पशुओं के कंकाल, पौधों की शाखाएं, आदि जैसे कचरे को निकालना, पत्‍थर, ईंट, निर्माण सामग्री जैसा कीचड़ निकालना, जाली का उपयोग कर तैरता कीचड़ निकालना और मजदूरों द्वारा नाले के दोनों किनारों की सफाई शामिल थी। इसके अलावा, टीमें इस पर जागरूकता रैलियों और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों की प्रतिपुष्टि और सुझावों द्वारा सार्वजनिक जागरूकता भी निर्मित कर रही हैं। टीम पहले से साफ हो चुके क्षेत्रों में कचरा एकत्र करने के लिये बैटरी से चलने वाले रोबोट्स का इस्‍तेमाल भी करेंगी।

फेज 2 के तहत गाज़ियाबाद नगर निगम और टीम क्‍लीन्‍स ईस्‍टर्न यूरोप टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल कर रही हैं, ताकि बायोलॉजीकल ऑक्‍सीजन डिमांड (बीओडी) और केमिकल ऑक्‍सीजन डिमांड (सीओडी) को कम करते हुए पानी को ठीक किया जा सके, जिसके बाद नाले का पूरा फिल्‍ट्रेशन (छानन) और सौंदर्यीकरण होगा। यह एक जारी परियोजना है, जिसके अगले 10-12 महीनों में पूरा होने की उम्‍मीद है।

एग्रोटेक इंडिया के सह-संस्‍थापक श्री अखिलेश जैन ने कहा, “गाज़ियाबाद नगर निगम ने गाज़ियाबाद के निवासियों के जीवन को खतरे से मुक्‍त करने के लिये जो महान पहल की है, उसका हिस्‍सा बनकर हम सम्‍मानित हैं। घरेलू कचरे और अवैध औद्योगिक निकासी के कारण बृज विहार नाला बहुत प्रदूषित है, जिससे लोगों तथा पर्यावरण को खतरा है।  टीम क्‍लीन्‍स में हम अपनी यात्रा में 35% प्रगति कर चुके हैं और हमें आने वाले महीनों में इस इलाके को साफ और आरोग्‍यकर बनाने का भरोसा है। इसके अलावा, इस परियोजना के तहत, गाज़ियाबाद नगर निगम अवैध निकासी करने वाले उद्योगों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही भी करेगा, जोकि प्रदूषण का मुख्‍य कारण है।” 

गाज़ियाबाद नगर निगम के आयुक्‍त महेन्‍दर सिंह तवर ने कहा, “घरेलू और औद्योगिक कचरे के लगातार आने से बृज विहार नाले की स्थिति बद से बदतर हो रही थी और इस पर तुरंत ध्‍यान देना जरूरी था। गाज़ियाबाद नगर निगम और टीम क्‍लीन्‍स ने इस नाले को साफ करने और गाज़ियाबाद को खतरे से मुक्‍त बनाने के लिये एक महान और जरूरी पहल की है। मैं इस क्षेत्र के सभी निवासियों को भी उनकी समस्‍याओं के नियमित फीडबैक और समस्‍याओं से निपटने के तरीके देने के लिये धन्‍यवाद देता हूँ। इस पहल के माध्‍यम से हम लोगों का जीवन स्‍तर सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और उन्‍हें स्‍वच्‍छ और स्‍वस्‍थ जीवन जीने के लिये प्रोत्‍साहित कर रहे हैं।”

2019 में संस्‍थापित, एग्रोटेक इंडिया एक टेक्‍नोलॉजी कंपनी है, जो अपने मालिकाना क्रॉप लॉस असेसमेंट सपोर्ट सिस्‍टम (सीएलएएसएस) एनालिटिकल सॉफ्टवेयर प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर किसानों के लिये प्रभावशाली संपूर्ण कृषि समाधानों की पेशकश करती है। ट्रिनिटी ग्रुप (भारत) और पूर्वी यूरोप की एक कंपनी सीटीआरएल2गो (Ctrl2Go) एलएलसी. से सहयोग-प्राप्‍त यह कंपनी चार प्रभागों पर केन्द्रित है: कृषि, जल संसाधन, एगफिनटेक और ड्रोन सेवाएं। पहले प्रभाग में ऐसे समाधान शामिल हैं, जो कृषि, जलाशयों के नवीकरण और किसानों के सत्‍यापन में बेहतर परिणाम सुनिश्चित करते हैं। अपने तीसरे प्रभाग के माध्‍यम से कंपनी बैंकिंग समाधान प्रदान करती है, जैसे किसानों की डिजिटल ऑनबोर्डिंग, केसीसी लोन, एग्रोटेक फार्म एनालीटिक्‍स रिपोर्ट (एएफएआर) के माध्‍यम से कृषि लोन की स्‍क्रीनिंग, एआई और एमएल के उपयोग से किसान की रेटिंग और लोन की प्रोसेसिंग के लिये किसानों के आवेदनों की त्‍वरित जाँच। इसके पीछे किसानों को बैंकों से जोड़ने और ऋण तथा अन्‍य वित्‍तीय सुविधाओं को उनके लिये सुलभ बनाने का दृष्टिकोण है, ताकि उनके लिये बेहतर आजीविका सुनिश्चित हो सके।


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Content Writer

Deepender Thakur

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