सरकार और किसानों के बीच बातचीत खत्म, कृषि मंत्री बोले- खुले मन से बात कर रही सरकार

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 09:25 PM (IST)

नेशनल डेस्कः नए कृषि कानून को लेकर किसानों और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। यह बैठक करीब साढ़े सात घंटे तक चली। अगली बैठक 5 दिसंबर को होगी। पिछली बार की तरह भी इस बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। इससे पहले किसानों ने सरकार का खाना खाने से मना कर दिया। दोपहर की चाय बंगला साहिब गुरुद्वारे से मंगाई तो लंच सिंघु बॉर्डर से मंगाया गया। वहीं बैठक के दौरान किसानों ने एक बार फिर सरकार से कहा कि वह संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को रद्द करे।

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडियो को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों से खुले मन से बातचीत कर रही है। बातचीत सौहादपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि किसानों के मन में दो तीन बिंदुओं पर चिंता जाहिर की है।  सरकार एपीएमसी को सशक्त करने पर विचार करेगी। मंडी में ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित होगा। कृषि मंत्री ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि एमएसपी थी, एमएसपी है और एमएसपी रहेगी। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को फिर 2 बजे बैठक होगी। ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बनी है।

सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता से पहले किसानों ने सरकार के सामने 10 पन्नों का एक ड्राफ्ट दिया, जिसमें उन्होंने 37 बिंदुओं पर सरकार के नए कृषि कानून के प्रावधान में दर्ज प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। किसानों ने की पहली मांग यही है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। मांगे नहीं माने जाने पर किसानों ने आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है।

क्या हैं किसानों की मांग

  • एपीएमसी एक्ट के 17 बिंदुओं पर असहमति
  • एसेंशियल कमोडिटी एक्ट के 18 बिंदुओं पर असहमति
  • कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट के 12 बिंदुओं पर असहमति
  • कृषि कानून वापस हों
  • एमएसपी कानूनी अधिकार बने
  • डीजल 50 प्रतिशत सस्ता हो
  • स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो
  • किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों
  • एनसीआर में वायु प्रदूषण एक्ट में बदलाव वापस हो


गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 8 दिनों से पंजाब के किसान हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसान लगातार सरकार से कृषि कानून रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर के अलावा किसान गाजीपुर बॉर्डर, टिकारी बॉर्डर समेत दिल्ली के मुख्य मार्गों पर जमे हुए हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News