हरियाणा हारने के बाद राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, पहला रिएक्शन आया सामने
punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 01:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क : हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस के लिए यह हार, खासकर राहुल गांधी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है। राहुल ने स्पष्ट किया कि वे हरियाणा के नतीजों का गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं और विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों को चुनाव आयोग के पास पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
राहुल गांधी की चुप्पी टूटी
चुनाव परिणामों के बाद, राहुल गांधी लगभग 24 घंटे तक चुप रहे। ना तो उन्होंने कोई बयान दिया और ना ही सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किया। अब, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया और कहा है कि वे हक, सामाजिक-आर्थिक न्याय और सच्चाई के संघर्ष को जारी रखेंगे।
नतीजों का विश्लेषण
राहुल गांधी ने कहा कि वे हरियाणा के चुनाव परिणामों का गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में तंत्र के दुरुपयोग का भी उल्लेख किया और कहा कि वे विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों को चुनाव आयोग के पास पहुंचाएंगे।
जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया - प्रदेश में INDIA की जीत संविधान की जीत है, लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2024
हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।
सभी हरियाणा वासियों को…
जम्मू-कश्मीर की जीत पर धन्यवाद
राहुल ने अपनी पोस्ट की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के लोगों का धन्यवाद देकर की, जिसमें उन्होंने कहा कि वहां इंडिया की जीत संविधान और लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है। इसके बाद, उन्होंने हरियाणा के नतीजों का जिक्र किया और पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया।
कांग्रेस की हार के कारण
चुनाव के दौरान, कांग्रेस को लग रहा था कि वह जीत जाएगी, लेकिन नतीजे उलटे आए। कई कारणों से कांग्रेस हार गई, जिनमें पार्टी के अंदर गुटबाजी और सीट बंटवारे में गड़बड़ी शामिल हैं। कास्ट फैक्टर की गलत गणना भी हार की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है।
चुनाव परिणाम
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने 2 सीटें जीतीं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3 सीटें हासिल कीं। जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आम आदमी पार्टी (AAP) को कोई सफलता नहीं मिली। भाजपा और कांग्रेस का मत प्रतिशत लगभग बराबर रहा, भाजपा को 39.94% और कांग्रेस को 39.09% मत मिले।