एयरो इंडिया 2023: बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत का साक्षी बना,नई ऊंचाई- नई भारत की सच्चाई है- PM
punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 10:51 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरू में येलहंका के वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बेगलुरु का आसमान आज नए भारत का साक्षी बन रहा है। नई ऊंचाई- नई भारत की सच्चाई है। एयरो इंडिया का आयोजन भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदहारण है।
एयरो इंडिया का यह आयोजन भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदाहरण है। इसमें दुनिया की करीब 100 देशों की मौजूदगी होना दिखाता है कि भारत पर पूरे विश्व का विश्वास कितना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के एग्जिबिटर इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं। इसने अब तक अपने सारे रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। इसमें भारतीय MSME भी हैं, स्वदेशी स्टार्ट अप भी है और दुनिया की जानी मानी कंपनी भी है।
#WATCH कर्नाटक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बेंगलुरू में येलहंका के वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण में शिरकत के लिए पहुंचे।#AeroIndia2023 pic.twitter.com/RItJ2x4gmE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2023
कर्नाटक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बेंगलुरू में येलहंका के वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण के उद्घाटन में पहुंचे। pic.twitter.com/OOJMU1pIpU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2023
इस दौरान भारत आसमान में अपनी ताकत दिखा रहा है. भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी एयरो इंडिया 2023 के उद्घाटन समारोह में फ्लाईपास्ट के दौरान गुरुकुल गठन का नेतृत्व कर रहे हैं।
भारत एक फाइटर पायलट के तरह आगे बढ़ रहा
वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी टेक्नोलॉजी उसके मार्केट को सबसे ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड माना जाता है। आने वाले समय में इसका एक्सपोर्ट डेढ़ बिलियन से बढ़ाकर 5 बिलियन तक होगा। भारत के रक्षा सेक्टर में निवेश करें। नई सम्भावना, नए अवसर सामने हैं. अमृतकाल का भारत एक फाइटर पायलट के तरह आगे बढ़ रहा है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज दुनिया के डिफेंस कंपनी के लिए भारत एक मात्र मार्केट नहीं है एक पोटेंशियल पार्टनर भी है. हमारी टेक्नोलॉजी इन देशों के लिए कॉस्ट इफेक्टिव के साथ साथ क्रेडिबल भी है. आज भारत की सफलता का प्रमाण आकाश दे रहा है. आत्मनिर्भर भारत का बढ़ता सामर्थ्य है. 21वीं सदी का नया भारत न कोई मौका खोएगा, न ही मेहनत में कमी रखेगा।