खोपड़ी से सूप बनाने वाला सीरियल किलर फिर सुर्खियों में, फार्म हाउस बना रखा था नरकंकालों का अड्डा
punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 04:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की न्यायपालिका ने दो दशक पुराने खौफनाक जुर्म का आखिरकार फैसला सुना दिया। लखनऊ के एडीजे कोर्ट ने सोमवार को कुख्यात अपराधी राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज कोल को डबल मर्डर केस में उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। यह मामला 2000 में लखनऊ के नाका इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़ा है, जिसने उस समय पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था।
20 से ज़्यादा हत्याओं का आरोपी
राजा कोलंदर पर 20 से अधिक लोगों की हत्या के संगीन आरोप लग चुके हैं। हालांकि, कई मामलों में सबूतों के अभाव में उसे बरी किया जा चुका है। मगर इस बार अदालत में जुटाए गए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही ने उसे कानून के शिकंजे में ला खड़ा किया।
दहशत की दास्तां: नरमुंड, खोपड़ी और 'तांत्रिक' कनेक्शन
कोलंदर की गिरफ्तारी के बाद जो खुलासे हुए, उन्होंने लोगों को सिहरने पर मजबूर कर दिया। प्रयागराज स्थित उसके फार्महाउस से कई मानव खोपड़ियां और कंकाल बरामद हुए थे। पुलिस जांच में सामने आया कि वह खुद को एक तांत्रिक मानता था, जो मानव खोपड़ी से सूप बनाकर पीने की सनकी आदत रखता था। वह हत्या के बाद शव के टुकड़े करता, और सिर अपने पास रखकर विचित्र अनुष्ठान करता था।
हत्या और अपहरण में दोषी करार
कोर्ट ने कोलंदर और वक्षराज को 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उसके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव के अपहरण और हत्या का दोषी पाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोनों को धोखे से बुलाया गया, फिर निर्ममता से मार डाला गया।
गंभीर धाराओं में सज़ा
सरकारी वकील एम.के. सिंह के मुताबिक, दोनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 396, 201, 412 और 404 के तहत सज़ा सुनाई गई है। इनमें हत्या के इरादे से अपहरण, हत्या के साथ डकैती, सबूत मिटाना, चोरी की संपत्ति रखना और मृत व्यक्ति की संपत्ति का दुरुपयोग जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
अपराध की कहानी: कैसे बना 'राजा' एक राक्षस
राम निरंजन कोल, जो कभी एक आयुध कारखाने में नौकरी करता था, समय के साथ मानसिक विकृति का शिकार हो गया। खुद को ‘राजा’ मानने वाला यह व्यक्ति किसी को भी मौत की सजा देने में संकोच नहीं करता था। वह पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या में भी दोषी पाया गया था। 2012 में उसे पहली बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
अदालत ने बताया मानसिक रूप से सक्षम
हालांकि मनोचिकित्सकों ने कोलंदर को एक साइकोपैथिक किलर बताया था, लेकिन अदालत ने उसे मुकदमे लायक मानसिक स्थिति में पाया और न्याय की प्रक्रिया पूरी की।