पुलवामा: हमले से पहले आदिल ने रिकॉर्ड किया था वीडियो, बोला- जन्नत जाऊंगा

punjabkesari.in Friday, Feb 15, 2019 - 04:24 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए। पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर उस वाहन को चला रहा था जिसमें 100 किग्रा विस्फोट रखा हुआ था। वह गलत दिशा में वाहन चला रहा था और उसने सीधी सीआरपीएम की बस को टक्कर मारी। जिस जगह पर जवानों पर हमला हुआ, उससे सिर्फ 10 किमी की दूरी पर ही गुंडीबाग में डार रहता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले साल करीब 200 युवक आतंकी संगठन में शामिल हुए जिसमें आदिल दूसरा कश्मीरी फिदायीन बनकर निकला।
 

हमले से पहले आदिल ने रिकॉर्ड किया था वीडियो
आदिल ने हमले से पहले एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था जिसे जैश ने आतंकी हमले के 10 मिनट के बाद इसे जारी किया। आदिल वीडियो क्लिप में कहता नजर आ रहा है कि जब आप इस वीडियो को देख रहे होंगे, मैं जन्नत में रहूंगा...कश्मीरियों तुम्हें सलाम करता हूं कि लाखों लाशें देखकर भी तुम्हारा दिल नहीं पिघलता है। मैंने पिछले साल जैश-फिदायीन जॉइन किया था और अब अपने वादे को पूरा करने का समय आ गया है। मुझे गर्व है... मैं इस्लाम का सच्चा प्रचारक हूं और मेरा नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आदिल ने कहा कि वह जैश-ए-मोहम्मद की फिदायीन टुकड़ी में खास मकसद से ही शामिल हुआ था। उसने वीडियो में कहा कि जल्द ही बाबरी मस्जिद और अयोध्या में अल्लाह-हू-अकबर की आवाज गूंजेगी। वीडियो के अंत में आदिल ने कहा कि पुलवामा आईईडी हमला तो शुरुआत भर है।
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10वीं तक पढ़ा था आदिल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आदिल 10वीं तक पढ़ा था और आतंकी बनने से पहले वह एक मिल में काम करता था। साल 2018 को मार्च में उसने अफना घर छोड़ दिया था और फिर कभी लौट कर नहीं आया। आदिल के साथ उसका दोस्त समीर अहमद भी उसी दिन से लापता हो गया था। समीर कश्मीर यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी से पोस्टग्रैजुएट कर रहा था। पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले उसने किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम नहीं दिया था और यही वजह है कि उसका नाम “C-category militant” में रखा गया था।
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AK-47 के साथ सामने आई थी फोटो
आदिल के घर छोड़ने पर उसके परिवार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस उसको ढूंढ पाती उससे पहले ही सोशल मीडिया पर आदिल की AK-47 लहराते हुए उसकी तस्वीर वायरल हुई थी। जैश ने उसे वकास कमांडो का कोडनेम दिया गया था। आदिल के घर छोड़ने के 11 दिन पहले उसका चचेरा भाई मारा गया था। वह भी आतंकी था। आदिल ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हो रहे विरोध-प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, तब उसके पैर पर गोली लगी थी। जिस गाड़ी को आदिल चला रहा था उसमें 350 किलो से ज्यादा का विस्फोटक भरा हुआ था।
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बता दें कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद पुलवामा सबसे भीषण आतंकवादी हमला है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे।


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Seema Sharma

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