AAP सांसद राघव चढ्ढा ने संसद में उठाया विमान सुरक्षा संकट का मुद्दा, DGCA में तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी पर चिंता जताई
punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 02:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चढ्ढा ने संसद में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की गंभीर समस्या को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि देश के नागरिक उड्डयन नियामक विभाग डीजीसीए में तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी है, जो विमान सुरक्षा के लिए खतरा बन रही है। राघव चढ्ढा ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने डीजीसीए में 55% तकनीकी पद खाली होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह खाली पद सिर्फ कागज़ों पर संख्याएँ नहीं हैं बल्कि वे जिम्मेदारियां हैं जो हवाई सुरक्षा निरीक्षण, पायलट लाइसेंसिंग, विमान रखरखाव और उड़ान योग्यता प्रमाणन जैसे महत्वपूर्ण कामों के लिए जरूरी हैं।
विमान सुरक्षा पर बढ़ता संकट
सांसद ने कहा कि भारत का नागरिक उड्डयन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन नियामक विभाग डीजीसीए के पास न तो पर्याप्त कर्मचारी हैं और न ही उसे जरूरी स्वायत्तता मिली है। उन्होंने कहा कि यह कमी संकट की स्थिति पैदा कर रही है, क्योंकि आसमान में गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती।
Raised an important issue in Parliament today regarding Aircraft safety.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 21, 2025
India’s civil aviation sector is booming but its regulator is cracking under pressure.
The DGCA is understaffed, underfunded, and lacks the autonomy it desperately needs.
Today, 55% of its Technical… pic.twitter.com/8V8LSfQwxC
डीजीसीए को स्वायत्तता देने की मांग
राघव चढ्ढा ने कहा कि डीजीसीए को सेबी और ट्राई की तरह पूरी स्वायत्तता दी जानी चाहिए। केवल तभी यह विभाग विमान सुरक्षा की जिम्मेदारियों को ठीक से निभा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा कोई विकल्प नहीं हो सकती और इसके लिए डीजीसीए को मजबूत बनाना आवश्यक है।
ट्वीट में क्या कहा राघव चढ्ढा ने?
अपने ट्वीट में सांसद ने लिखा है कि डीजीसीए में 55% तकनीकी पद खाली हैं। वे सभी पद हवाई सुरक्षा, पायलटों के लाइसेंस, विमान की देखभाल और उड़ानों के प्रमाणन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि डीजीसीए में कर्मचारियों की कमी और धन की कमी गंभीर खतरा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं बल्कि विमान सुरक्षा का सीधा सवाल है।
सरकार के सामने चुनौती
राघव चढ्ढा का यह बयान सरकार के लिए एक चेतावनी भी है कि विमान सुरक्षा को लेकर नियामक विभाग को मजबूत बनाना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है। देश की तेजी से बढ़ती हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए डीजीसीए को बेहतर संसाधन, कर्मचारी और स्वायत्तता प्रदान करनी होगी।