जब सेना ले सकती थी PoK तो अमेरिका के दवाब में क्यों झुके PM मोदी…आप ने उठाए केंद्र पर कई सवाल
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 05:58 AM (IST)

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप)के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव में आकर युद्धविराम करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मंगलवार को कई सवाल किए।
सिंह ने कहा,‘‘ एक सौ 40 करोड़ हिन्दुस्तानियों के मन में सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति के व्यापार बंद करने की धमकी के नाम भारत की संप्रभुता, स्वाभिमान और सम्मान के साथ समझौता कर लिया? पहलगाम में हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़े गए, उसमें पाकिस्तान के चार आतंकवादियों का नाम आया। भारत सरकार ने कहा एक को भी नहीं छोड़ेंगे, पाकिस्तान में घुस कर मारेंगे। पूरे देश की जनता भारत सरकार के साथ खड़ी रही। सभी राजनीतिक दलों ने खुल कर कहा कि हम सरकार के साथ हैं। पाकिस्तान में घुसकर मारो, कोई आतंकवादी बचना नहीं चाहिए।''
‘आप' नेता ने कहा,‘‘ पूरे देश ने एक स्वर में कहा कि भारत, पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर को वापस हिन्दुस्तान में ले और बलूचिस्तान में असंतोष चल रहा है, उसको पाकिस्तान से अलग करे। वर्ष 1971 में भारत ने पाकिस्तान से बंगलादेश को जिस तरह अगल किया था, उसी तरह बलूचिस्तान को भी अलग करने की देश की भावना थी।‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू हुआ। आतंकवादियों के मरने पर पाकिस्तान मातम मना रहा था। यह देखकर पूरे देश को उस वक्त गर्व हुआ।''
उन्होंने कहा,‘‘ भारतीय सेना लगातार पाकिस्तान के हमलों का जवाब दे रही थी, उनके एयरबेस और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर रही थी। पूरे देश के मन में था कि सारे आतंकवादी ठिकाने ध्वस्त किए जाएंगे। भारत के 21 निर्दोष लोग राजौरी और पुंछ के एरिया में मार दिए गए। हमारे गुरुद्वारे और मंदिर पर हमला हुआ। भारतीय सेना पाकिस्तान को उसी की भाषा में एक-एक हमले का 10 गुना ज्यादा नुकसान करके जवाब दे रही थी। भारतीय सेना अपने शौर्य, पराक्रम और बहादुरी का परिचय दे रही थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति की मध्यस्थता को स्वीकार करते हुए युद्धविराम का एलान कर दिया।''
उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया,‘‘ पहलगाम में हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़ने वाले चारों आतंकवादी कहां हैं? आपने तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार कैसे कर ली?'' ‘आप' नेता ने कहा,‘‘ पाकिस्तान आतंकवादियों का प्रमुख देश और पनाहगार है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री पाकिस्तान पर भरोसा कर रहे हैं। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति कह रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान महान देश हैं, दोनों शक्तिशाली देश हैं, हमने दोनों देशों को व्यापार बंद करने की धमकी दी और युद्धविराम करा दिया। देश को शर्म आती है कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इसमें से एक भी बात का खंडन नहीं किया।''
उन्होंने कहा,‘‘ श्री ट्रम्प पाकिस्तान को महान और शक्तिशाली देश कह रहे हैं। क्या प्रधानमंत्री को इसका खंडन नहीं करना चाहिए। देश मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री श्री ट्रम्प की बातों का खंड करें और खुलेआम कहें कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है। प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाएं, पूरा विपक्ष सरकार के साथ मिलकर पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने का प्रस्ताव पास करेगा।