भारत का ऐसा इकलौता मंदिर जहां मूर्ति की नहीं, होती है झूले की पूजा... श्रद्धालु की हर मनोकामना होती है पूरी

punjabkesari.in Sunday, Mar 30, 2025 - 03:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और इससे पहले ही देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगने लगा है। संगम नगरी प्रयागराज के प्रसिद्ध आलोप शंकरी देवी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। यहां माता रानी के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसका विशेष धार्मिक महत्व है।

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माता रानी का निराकार रूप

इस मंदिर में माता रानी निराकार रूप में विराजमान हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार सतयुग में माता सती का दाहिना हाथ इस स्थान पर गिरा था और तभी से यहां माता आलोप शंकरी देवी की पूजा होती है। मंदिर के गर्भ गृह में एक चबूतरा और कुंड है जिसके ऊपर झूला डाला गया है जिसे पालने की तरह पूजा जाता है।

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नवरात्रि के दौरान दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़

मंदिर के पुजारी विकास मिश्र ने बताया कि नवरात्रि के दौरान यहां दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। हर साल लाखों लोग संगम स्नान करने के बाद आलोप शंकरी देवी मंदिर के दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं। यहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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नारियल पानी से होती है पूजा

पुजारी ने बताया कि मंदिर के कुंड में नारियल का पानी चढ़ाया जाता है जो प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है। भक्तों का मानना है कि माता रानी के दर्शन से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और इसीलिए हर साल नवरात्रि में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

बता दें कि इस बार चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी और इस दौरान यहां की भव्यता और धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाएगा।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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