कर्नाटक से जुड़ा एक अंधविश्वास, बढ़ा सकता है कांग्रेस की टेंशन
punjabkesari.in Saturday, May 19, 2018 - 06:42 PM (IST)
नई दिल्ली: इसे अंधविश्वास कहें या सच्चाई लेकिन कर्नाटक विधानसभा का इतिहास रहा है कि जो पार्टी राज्य की सत्ता में रहती है वह अगला लोकसभा चुनाव हार जाती है। आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं कि बीते दो दशक से कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने वाली पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार चुकी है। हालांकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान जब इस सवाल पर बीजेपी चीफ अमित शाह से राय जाननी चाही तो उन्होंने इसे अंधविश्वास बताया है। उन्होंने कहा है कि 1967 से पहले कांग्रेस कर्नाटक में भी थी और केंद्र में भी उसकी सरकार थी। भले ही अमित शाह ने इसे अंधविश्वास बताया हो, लेकिन आंकड़े भी बताते हैं कि कर्नाटक चुनाव जीतने वाली पार्टी को लोकसभा में हार का मुंह देखना पड़ा है।
आंकड़ों पर एक नजर
- 2013 में कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाई, लेकिन अगले ही साल वह 2014 का लोकसभा हार गई। तब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था।
- 2013 कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को 224 में से 40 सीट ही मिली थीं। लेकिन लोकसभा 2014 में उसे 28 सीटों में से 17 सीटें हाथ लगीं।
- 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सरकार बनाई तो 2009 में लोकसभा हार गई।
- अब माना जा रहा है कि अगर कर्नाटक में 2018 में बीजेपी जीतने वाली पार्टी बनती है तो लोकसभा 2019 में उसे जीत से हाथ धोना पड़ सकता है। 2004 के कर्नाटक चुनाव में जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) आई तो उसी साल हुए लोकसभा चुनाव में जेडीएस को हार मिली।
- 1999 में कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाई थी, लेकिन अगले साल यानी 1999 के लोकसभा चुनाव में उसकी हार हुई।
- 1994 में जेडीएस ने कर्नाटक में सरकार बनाई थी, लेकिन साल 1998 के लोकसभा चुनाव में हार गई। वहीं, 1989 में कांग्रेस कर्नाटक में जीती, लेकिन साल 1989 में लोकसभा चुनाव में हार गई।