Pregnant Job Service: नि:संतान महिलाओं को करो प्रेग्नेंट और कमाओ लाखों रुपए...,ऐसे ठगी का शिकार हो रहे युवा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 07:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क। इंटरनेट की दुनिया में धोखाधड़ी के तरीके अब और भी अजीब और खतरनाक हो चले हैं। लॉटरी और गिफ्ट कार्ड जैसे पुराने झांसों के बाद साइबर ठगी का नया और अनोखा ट्रेंड है 'प्रेग्नेंसी स्कैम' (Pregnancy Scam)। नाम सुनकर भले ही यह मज़ाकिया लगे लेकिन इस स्कैम ने अब तक देश भर में करोड़ों रुपये उड़ा दिए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे में एक कॉन्ट्रैक्टर इसका शिकार हुआ जिसने "प्रेग्नेंट जॉब सर्विस" के ऑनलाइन विज्ञापन पर भरोसा कर ₹11 लाख गंवा दिए।
कैसे फैलाया जाता है ठगी का यह जाल?
'प्रेग्नेंसी स्कैम' असल में साइबर ठगी का एक नया और तेज़ी से फैलता हुआ नेटवर्क है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अचानक विज्ञापन दिखता है कि "ज़रूरत है ऐसे पुरुष की जो बांझ महिलाओं को प्रेग्नेंट कर सके लाखों रुपये की कमाई का मौका।" यहीं से ठगों का जाल शुरू होता है। ठग फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। वे "प्रेग्नेंट जॉब सर्विस," "हेल्पिंग इनफर्टाइल वूमन" या "डोनेशन प्रोग्राम" जैसे आकर्षक नामों से विज्ञापन डालते हैं। लोगों को यह यकीन दिलाने के लिए कि यह काम कानूनी है वे नकली सर्टिफिकेट, फर्जी सरकारी दस्तावेज़ और यहां तक कि किसी बड़े सेलिब्रिटी के नाम से साइन किए हुए एग्रीमेंट तक दिखाते हैं।
पैसे वसूलने का तरीका और नेटवर्क
जब कोई शिकार इस झांसे में आ जाता है तो ठग विभिन्न शुल्कों के नाम पर रकम वसूलते हैं:
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रजिस्ट्रेशन फीस (Registration Fee)
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मेडिकल जाँच (Medical Tests)
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टैक्स (Tax)
पुणे में हुए इस ताज़ा मामले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस तरह की ठगी का सबसे बड़ा नेटवर्क बिहार के नवादा जिले से ऑपरेट हो रहा है।

शर्म और झिझक है स्कैम की सफलता की चाबी
इस स्कैम की सफलता की सबसे बड़ी वजह पीड़ितों की शर्म और झिझक है। चूंकि यह मामला प्रेग्नेंसी या यौन विषय से जुड़ा होता है इसलिए पीड़ित अक्सर पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं। ठग इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं। वे कई बार धमकी देते हैं कि आपके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट कर देंगे जिससे डर के मारे पीड़ित और पैसे दे देते हैं।

यह स्कैम केवल पैसे की ठगी तक सीमित नहीं है बल्कि यह डिजिटल ब्लैकमेलिंग का भी रूप ले चुका है। पीड़ितों के पर्सनल डेटा, सेल्फी और पहचान पत्रों का दुरुपयोग कर आगे फिरौती (Ransom) या अश्लील मटेरियल बनाने के केस भी सामने आ रहे हैं।
यह घटना सभी इंटरनेट यूज़र्स के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती। सबसे अनोखा दिखने वाला ऑफ़र ही अक्सर सबसे खतरनाक जाल बन जाता है।


