जेब में इस्तीफ़ा लेकर घूमते थे डॉ. कलाम, उनके ये मंत्र करते हैं मोटिवेट

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2016 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्ली: डॉक्टर ए. पी.जे. अब्दुल कलाम जिन्हें मिसाइल मैन भी कहा जाता है ने अपना पूरा जीवन सादगी और साधारण तरीके से बिताया। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता थे बल्कि अद्भुत इंसान भी थे। उन्होंने जिन लोगों के साथ भी काम किया उनके दिलों को छू लिया। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज पहली बरसी है। इस मौके पर उनके राष्ट्रीय स्मारक का शिलान्यास आज तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया गया।

रक्षा मंत्रालय ने डॉ. कलाम के राष्ट्रीय स्मारक के लिए शिलान्यास, उनकी आदमकद प्रतिमा के अनावरण और स्मारक का एक त्रिआयामी मॉडल जारी करने समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी। राष्ट्र निर्माण की दिशा में कलाम के जीवन और उपलब्धियों को चित्रित करती ‘मिशन ऑफ लाइफ’ नाम की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा। शहरी विकास और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर प्रतिमा तथा स्मारक मॉडल का अनावरण किया।


डॉ. कलाम की जिंदगी से जुड़े कुछ प्रेरणादायक प्रसंग
1.एक बार डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) में उनकी टीम बिल्डिंग की सुरक्षा को लेकर चर्चा कर रही थी। टीम ने सुझाव दिया कि बिल्डिंग की दीवार पर कांच के टुकड़े लगा देने चाहिए लेकिन डॉ कलाम ने टीम के इस सुझाव को ठुकरा दिया और कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो इस दीवार पर पक्षी नहीं बैठेंगे।

2.डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो 'अग्नि' मिसाइल के टेस्ट के समय कलाम काफी नर्वस थे। उन दिनों वे अपना इस्तीफा अपने साथ लिए घूमते थे। उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे।

3.एक बार कुछ नौजवानों ने डॉ कलाम से मिलने की इच्छा जताई इसके लिए उन्होंने उनके ऑफिस में एक पत्र लिखा। कलाम ने राष्ट्रपति भवन के पर्सनल चैंबर में उन युवाओं से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि काफी समय उनके साथ गुजार कर उनके आइडियाज भी सुनें। आपको बता दें कि डॉ कलाम ने पूरे भारत में घूमकर करीब 1 करोड़ 70 लाख युवाओं से मुलाकात की थी।

4.डीआरडीओ में काम का काफी दवाब रहता था। एक बार साथ में काम करने वाला एक वैज्ञानिक उनके पास आया और बोला कि उसे समय से पहले घर जाना है। दरअसल वैज्ञानिक को अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखानी थी। डॉ कलाम ने उसे अनुमति दे दी लेकिन काम के चक्कर में वह भूल गया कि उसे जल्दी घर जाना है। बाद में उसे बड़ा बुरा लगा कि वो अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने नहीं ले जा सका। जब वह घर गया तो पता चला कि कलाम के कहने पर मैनेजर उसके बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले जा चुका था।

5.साहस पर डॉ कलाम ने अपनी एक किताब में एक घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि जब वे SU-30 MKI एयर क्राफ्ट उड़ा रहे थे तो एयर क्राफ्ट के नीचे उतरने पर कई नौजवान और मीडिया के लोग उनसे बातें करने लगे। एक ने कहा कि आपको 74 साल की उम्र में सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट चलाने में डर नहीं लगा? इस पर डॉ कलाम का जवाब था, '40 मिनट की फ्लाइट के दौरान मैं यंत्रों को कंट्रोल करने में व्यस्त रहा और इस दौरान मैंने डर को अपने अंदर आने का समय ही नहीं दिया।'

डॉ. कलाम के ऐसे मंत्र जो करियर और लाइफ को करते हैं मोटिवेट

-जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएं, मान लीजिए आप कामयाब हो गए।

-इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।

-देश का अच्छा दिमाग क्लास रूम की आखिरी बेंच पर भी मिल सकता है।

-आप अपने काम से प्यार करें, कंपनी से नहीं क्योंकि आप नहीं जानते कब आपकी कंपनी आपको प्यार करना बंद कर दे।

-अपनी पहली समफलता के बाद आराम मत करो क्योंकि दूसरी बार में असफल हुए तो बहपत से होंठ ये कहने के इंतजार में होंगे कि आफकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।


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