E-Passport: 2 सेंटरों से अब तक 9 हजार पासपोर्ट जारी, 7 साल में खर्च होंगे 268 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Sunday, Aug 04, 2024 - 04:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में ई-पासपोर्ट (e-passport) का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। इस प्रोजेक्ट पर 7 साल में 268 करोड़ रुपए खर्च होंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। अभी भुवनेश्वर और नागपुर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ई-पासपोर्ट जारी कर रहे हैं। अब तक भुवनेश्वर में 2,435 और नागपुर में 6,588 पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं।

ई-पासपोर्ट के मानक और चिप के बारे में जानकारी अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन ने तय की है। इस प्रोजेक्ट के दौरान, चिप रीडर के साथ ई-पासपोर्ट का मिलान किया जाएगा। चिप रीडिंग, डिजिटल साइन मिलान और कंप्यूटर में जानकारी मिलाई जाती है। ई-पासपोर्ट में पेपर और इलेक्ट्रॉनिक दोनों विवरण होते हैं, और इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप लगी होती है।
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दुनिया के 140 देशों में है ई-पासपोर्ट की अनिवार्यता
ई-पासपोर्ट बनने के बाद, बायोमेट्रिक पहचान के जरिए डुप्लीकेट पासपोर्ट बनाना या डेटा चोरी होना मुश्किल हो जाएगा। चिप में डेटा दर्ज करने के बाद उसे लॉक कर दिया जाएगा, जिससे उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। दुनिया के 140 देशों में ई-पासपोर्ट की अनिवार्यता है, जिससे भारतीय नागरिकों को इन देशों में इमीग्रेशन की सुविधा आसान हो जाएगी। चिप में पासपोर्ट धारक का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। पासपोर्ट धारकों की जानकारी बुकलेट के आखिरी पेज पर होगी और यही विवरण चिप में भी रहेगा। ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन उसी तरह से किया जाएगा जैसे पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए किया जाता है।
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अब तक देश में जारी हो चुके 10 करोड़ पासपोर्ट
अब तक देश में 10 करोड़ पासपोर्ट जारी हो चुके हैं, और इन्हें धीरे-धीरे ई-पासपोर्ट में बदला जाएगा। इंडियन सिक्योरिटी प्रेस नासिक को 4.5 करोड़ पासपोर्ट चिप बनाने का ऑर्डर मिला है, जो अगले 4-5 साल की जरूरतों के लिए पर्याप्त होगा। पहले साल में 70 लाख ई-पासपोर्ट बुकलेट्स प्रकाशित की जाएंगी।


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Content Editor

Harman Kaur

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