सावधान! सिर्फ 20 मिनट में 8.8 लाख का चूना, इन 4 गलतियों से बचें
punjabkesari.in Monday, Aug 04, 2025 - 11:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: क्या आप सोचते हैं कि आपके क्रेडिट कार्ड और बैंक अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित हैं? कोलकाता के सरसुना इलाके में रहने वाले पंकज कुमार के साथ हुई घटना आपको चौंका देगी। सिर्फ 20 मिनट में उनके खाते से ₹8.8 लाख निकल गए। ये पैसे ऑनलाइन खरीदारी में इस्तेमाल किए गए, वह भी बिना उनकी जानकारी के। जब तक उन्हें लगातार आ रहे OTP का एहसास हुआ और उन्होंने अपने कार्ड ब्लॉक करवाए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस को संदेह है कि यह या तो एक सिम-स्वैप स्कैम का मामला है, या फिर ठगों ने उनका निजी डेटा चुरा लिया था। इस घटना के बाद एक बार फिर मोबाइल से जुड़े वित्तीय अपराधों की गंभीरता सामने आई है। कोलकाता पुलिस के अनुसार, ऐसे घोटाले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनमें फर्जी कस्टमर सपोर्ट कॉल और अंदरूनी कर्मचारियों की मिलीभगत भी शामिल होती है।
क्या है सिम-स्वैप स्कैम?
सिम-स्वैप स्कैम में ठग आपके मोबाइल नंबर को अपनी सिम में ट्रांसफर कर लेते हैं। वे मोबाइल कंपनी को आप बनकर गुमराह करते हैं और एक बार आपका नंबर उनके पास आ जाए, तो वे आपके OTP, बैंकिंग अलर्ट और पासवर्ड को आसानी से बदल सकते हैं। इस तरह, आपके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए उन्हें किसी भी जानकारी की जरूरत नहीं पड़ती।
क्रेडिट कार्ड और सिम-स्वैप स्कैम से बचने के लिए 4 जरूरी टिप्स
इस तरह के घोटालों से बचने के लिए आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए:
OTP, CVV या PIN किसी से शेयर न करें: बैंक कभी भी कॉल, SMS या ईमेल से आपका OTP या पासवर्ड नहीं मांगते। अगर कोई ऐसा करे, तो तुरंत कॉल काट दें और खुद बैंक के आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें।
सिम-स्वैप के संकेतों को पहचानें: अगर आपके फोन का नेटवर्क अचानक चला जाए या सिम डीएक्टिवेट हो जाए, तो तुरंत अपने ऑपरेटर से संपर्क करें। अपने सिम कार्ड पर पोर्टिंग लॉक या सिम पिन जैसे सुरक्षा फीचर ज़रूर एक्टिवेट करवाएं।
संदिग्ध लेन-देन को नजरअंदाज न करें: ठग अक्सर पहले छोटी रकम का लेन-देन करके यह जांच करते हैं कि आपका अकाउंट काम कर रहा है या नहीं। कोई भी संदिग्ध अलर्ट या ट्रांजेक्शन दिखे, तो तुरंत बैंक को इसकी जानकारी दें।
तुरंत रिपोर्ट करें: अगर आप किसी भी तरह की ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो समय गंवाए बिना साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें और अपने बैंक को सूचित करें। जितनी जल्दी आप कार्रवाई करेंगे, नुकसान की भरपाई होने की संभावना उतनी ज्यादा होगी।