आवारा कुत्ते ने दूषित किया मिड-डे मील, फिर भी स्कूल के 84 बच्चों को परोसा गया वहीं भोजन, और फिर जो हुआ...
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 02:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां लच्छनपुर शासकीय मिडिल स्कूल में मिड-डे मील (मध्यान्ह भोजन) को एक आवारा कुत्ते ने दूषित कर दिया। इसके बावजूद, यह भोजन बच्चों को परोस दिया गया, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
क्या है मामला?
यह घटना 29 जुलाई की है। स्कूल के रसोईघर में जब सब्जी बनाई जा रही थी तब उस वक्त एक आवारा कुत्ता घुस गया और उसे दूषित कर दिया। कुछ छात्रों ने इस घटना की जानकारी शिक्षकों को दी, तो उन्होंने खाना नहीं परोसने के लिए कहा। लेकिन मिड-डे मील बनाने वाले स्व-सहायता समूह ने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और वही खाना छात्रों को परोस दिया।
84 बच्चों ने खाया दूषित भोजन
करीब 84 छात्रों ने वह खाना खा लिया। जब बच्चों ने यह बात अपने घर पर बताई, तो अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर आक्रोश जताया। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष झलेन्द्र साहू और अन्य ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच की और स्व-सहायता समूह पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
78 छात्रों को दिया गया एंटी-रेबीज इंजेक्शन
परिजनों ने बच्चों को लच्छनपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां एहतियात के तौर पर 78 छात्रों को एंटी-रेबीज वैक्सीन की पहली डोज दी गई। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी वीणा वर्मा ने बताया कि यह कदम सिर्फ सावधानी के लिए उठाया गया है। बच्चों में अभी तक कोई संक्रमण नहीं पाया गया है। पहली डोज का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
अधिकारियों ने की जांच, बयान दर्ज
घटना की गंभीरता को देखते हुए SDM दीपक निकुंज, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश वर्मा और अन्य अधिकारी स्कूल पहुंचे और बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों और प्रबंधन समिति के सदस्यों के बयान दर्ज किए। हालांकि, स्व-सहायता समूह के सदस्य इस दौरान मौजूद नहीं थे, जिससे सवाल और बढ़ गए हैं।
विधायक ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
क्षेत्रीय विधायक संदीप साहू ने इस मामले को गंभीर मानते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने यह भी जानना चाहा कि बच्चों को एंटी-रेबीज वैक्सीन देने का फैसला किस स्तर से लिया गया था।
क्या कहता है प्रशासन?
- स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
- स्कूल में भोजन की गुणवत्ता और निगरानी को लेकर अब नई सावधानियां बरती जाएंगी।
- जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।