77 साल की महिला करना चाहती है LLB, BCI के इस नियम के खिलाफ पहुंची SC

punjabkesari.in Sunday, Sep 13, 2020 - 04:00 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कानून की पढ़ाई करने की इच्छुक 77 साल की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर LLB पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 साल निर्धारित कर दिए जाने के ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया' (BCI) के नए नियम को चुनौती दी है। उत्तर प्रदेश स्थित साहिबाबाद निवासी राजकुमारी त्यागी ने तीन वर्षीय LLB पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं मिलने पर एक याचिका दायर कर इस मुद्दे पर पहले से लंबित उस विषय में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, जिसमें BCI के नियम को चुनौती दी गई है।

 

BCI के नियमों के मुताबिक पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु 20 साल और तीन वर्षीय LLB पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 साल निर्धारित की गई है। याचिका में कहा गया कि त्यागी के पति की मृत्य होने के बाद उनकी संपत्ति को बचाने में कानूनी अड़चने सामने आने पर उन्हें कानून की पढ़ाई में रुचि जगी। याचिका के अनुसार महिला के पास कोई वकील नहीं होने के कारण उन्हें सभी प्रकार की कानूनी पेचीदगी खुद समझनी पड़ती है।

 

याचिका में कहा गया है कि BCI के नियम संविधान के अनुच्छेद-14 (कानून के समक्ष समानता), 19 (1) (जी) (कोई भी पेशा या वृत्ति का अधिकार) और 21 (व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा जीवन की रक्षा) का हनन करते हैं। वृद्ध महिला ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि उन्हें अपनी पसंद के कॉलेज या शिक्षण संस्थान से विधि की पढ़ाई करने का मौलिक अधिकार प्राप्त है और संविधान का अनुच्छेद-21 इसकी रक्षा करता है।


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Seema Sharma

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