नोटबंदी: दिसंबर के पहले हफ्ते लोगों को करना पड़ा सकता है दिक्कत का सामना

punjabkesari.in Saturday, Nov 19, 2016 - 11:52 AM (IST)

मुम्बई : नोटबंदी की वजह से बैंकों में पहुंचने वाले लोगों की लाइन देश के कई इलाकों में छोटी हुई है लेकिन सीनियर बैंकरों को डर है कि दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में कैश की किल्लत फिर से बढ़ सकती है, जब लोगों को घर के मंथली बजट से जुड़े बिल चुकाने पड़ते हैं। उन्हें नकदी न मिलने से परेशानी हो सकती है। मुम्बई बेस्ड एक प्राइवेट बैंक के टॉप एग्जीक्यूटिव ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि मुझे नहीं लगता कि बैंक ब्रांचों के आगे की भीड़ बहुत जल्द कम होगी।
 

ए.टी.एम. नैटवर्क का पूरी कैपेसिटी के साथ काम करना जरूरी
आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में रिटेल बैंकिंग के हैड अनूप बागची ने कहा कि ए.टी.एम. नैटवर्क का पूरी कैपेसिटी के साथ काम करना जरूरी है। इनसे आसानी से कैश खत्म नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर देश के सभी 2.5 लाख ए.टी.एम्स पूरी कैपेसिटी से काम करते हैं तो हम इस भीड़ से बच पाएंगे। इंडिया बैंक्स एसोसिएशन के मुताबिक नोटबंदी के बाद पहले 3 दिनों में 30,000 करोड़ रुपए सिस्टम में डाले गए। दिलचस्प बात यह है कि आर.बी.आई. के डाटा के मुताबिक लोगों के पास 28 अक्तूबर तक 17,01,380 करोड़ रुपए की करंसी थी। इसके एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डी. मॉनेटाइजेशन का ऐलान किया था।


बैंकों को  हो रही है अपने कस्टमर्स को सर्विस देने में दिक्कत
एस.बी.आई. कोलकाता के चीफ जनरल मैनेजर पार्था प्रतीम सेनगुप्ता ने बताया कि अभी तक हमारे करंसी चैस्ट में 500 रुपए के नोट की कोई खबर नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि काले धन के धंधेबाज गरीब लोगों को फांसकर उन्हें कई बार ब्रांच भेज रहे हैं। वे हर बार नोट एक्सचेंज करने के लिए अलग आइडैंटिटी प्रूफ लेकर आ रहे हैं। सेनगुप्ता ने बताया कि इससे एस.बी.आई. जैसे बैंकों को अपने कस्टमर्स को सॢवस देने में दिक्कत हो रही है। बैंक अब नोट एक्सचेंज करने वालों की उंगली पर स्याही लगा रहे हैं। देश के कई इलाकों से तय समय के बाद बैंकों का शटर खुला रखने की मांग की खबरें भी आ रही हैं। कोलकाता में एक सरकारी बैंक के ब्रांच मैनेजर ने कहा कि लोगों का धीरज अब टूट रहा है जिससे हालात बिगड़ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि हम कितने दिनों तक पब्लिक को हैंडल कर पाएंगे। कैश खत्म होने के बाद कुछ ब्रांचों के बाहर हाथापाई के मामले भी सामने आए हैं।


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