पैसे होने के बावजूद ''पैसों'' के लिए परेशान लोग

punjabkesari.in Thursday, Nov 10, 2016 - 05:09 PM (IST)

चंडीगढ़ : 500 और 1000 के नोट बन्द करने का फैसला लोगों के लिए भले ही आगे चलकर फायदेमंद साबित हो सकता है।  लेकिन फिलहाल के लिए पीएम मोदी का लिया गया ये फैसला लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। लोगों के रोज़मर्रा के काम जैसे सब्जी खरीदना, राशन लाना, ऑटो या बस का किराया या फिर खरीददारी हर काम के लिए लोगों के पास चेंज न होने की वजह से परेशानी बढ़ रही है।

जेब में पैसे के बावजूद 'रोज़ी' के लिए कतारों में :
रोज़ी के लिए नए नोटों का इंतज़ाम करना कोई आसान काम नहीं है। बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर नोट बदलने के लिए पहले लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। सुबह 10 नवंबर को जैसे ही बैंक खुले तो वहां 500 और 1000 के नोट बदलवाने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइन लगी है। ये कतारे जब खत्म होंगी तभी शाम को रोटी का इंतज़ाम होगा। 

बड़े नोटों से नहीं मिली दवाई-सब्जियां :
बड़े नोटों की बंदी ने लोगों को खूब रुलाया। लोगों की जेब में 500-1000 रुपये के नोट थे, पेट में भूख थी, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से घर जाने की जल्दी भी थी, पर कुछ नहीं थे तो बड़े नोटों के खुल्ले। हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराना था, मेडिकल जांच होनी थी, पर मंगलवार की रात से बेकार हुए बड़े नोटों ने लोगों को राहत और सहूलियत से दूर कर दिया। सब्जी की दुकान, मॉल, सिनेमा हाॅल, किराना दुकान, दूधवाले हों या फिर दवा दुकानदार सबने बंद हुए बड़े नोटों के आगे हाथ खड़े कर दिये। पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 


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