PLI scheme से 5.84 लाख रोजगार सृजित, फार्मा, मोबाइल फोन और खाद्य क्षेत्र में सबसे बड़ी सफलता
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2024 - 11:04 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) scheme ने जून 2024 तक 5.84 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं, जो कि अगले पांच वर्षों में 14 क्षेत्रों में सृजित होने वाले कुल 16.2 लाख रोजगारों का लगभग 36 प्रतिशत है। यह जानकारी विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त आरटीआई के जवाबों के आधार पर एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, PLI scheme के तहत खाद्य प्रसंस्करण, मोबाइल फोन और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इन तीनों क्षेत्रों ने मिलकर कुल रोजगारों का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सृजित किया।
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र: इस क्षेत्र के लिए PLI scheme का लक्ष्य 2026-27 तक 2.5 लाख रोजगार सृजित करना था। अब तक, जून 2024 तक इस क्षेत्र ने 2.45 लाख रोजगार सृजित किए हैं, जो लक्ष्य के बेहद करीब हैं।
- मोबाइल फोन क्षेत्र: यह क्षेत्र भी PLI scheme के तहत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ने से रोजगार की संभावनाएं और निर्यात में वृद्धि हुई है।
- फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र: फार्मा क्षेत्र भी इस scheme से मजबूत प्रदर्शन कर रहा है, जिससे देश की स्वास्थ्य आपूर्ति में सुधार हो रहा है और साथ ही साथ रोजगार भी बढ़ रहा है।
क्या है PLI scheme का उद्देश्य
PLI scheme का उद्देश्य भारत में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है। यह scheme उन कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है जो निर्दिष्ट उत्पादन और निवेश लक्ष्यों को पूरा करती हैं। आमतौर पर, इन लक्ष्यों में वृद्धिशील बिक्री का 4-6 प्रतिशत शामिल होता है। PLI scheme की शुरुआत 2020 में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए की गई थी, लेकिन अब यह फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ऑटोमोटिव, नवीकरणीय ऊर्जा और अन्य उद्योगों को भी कवर करती है। इसका उद्देश्य निवेश आकर्षित करना, निर्यात बढ़ाना और रोजगार सृजन करना है, जिससे भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद मिल सके।
सरकारी डेटा और इसके प्रभाव
- रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 की दूसरी तिमाही में लिस्टेड कंपनियों का योगदान कुल कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 38.3% था, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 37.7% था।
- 3,515 कंपनियों का कुल कॉरपोरेट टैक्स भुगतान 2024 की दूसरी तिमाही में घटकर ₹0.09 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ₹1.18 लाख करोड़ था।
- सरकार ने 2025 में ₹10.2 लाख करोड़ के कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा है, जो 2024 के अनुमानित ₹9.11 लाख करोड़ से 12% ज्यादा है।
PLI scheme ने न केवल भारत में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है, बल्कि यह देश को विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल्स और मोबाइल फोन जैसे क्षेत्रों में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। भविष्य में इस scheme के प्रभावी कार्यान्वयन से भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में और मजबूती मिल सकती है।