भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तेजी से वृद्धि के बीच FMCG क्षेत्र ने फ्रेशर्स की भर्ती को दिया बढ़ावा - रिपोर्ट
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 03:42 PM (IST)
नेशनल डेस्क। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का आकार 2025-26 तक दोगुना होने की उम्मीद है जिससे फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) क्षेत्र में भर्ती में वृद्धि देखने को मिलेगी। टीमलीज एडटेक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 की दूसरी छमाही में फ्रेशर्स के लिए भर्ती की मंशा बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई है, जबकि पहली छमाही में यह 27 प्रतिशत थी। यह वृद्धि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार से जुड़ी हुई है, जिसमें 2019-20 में उद्योग का आकार 263 बिलियन डॉलर था और 2025-26 तक इसके 535 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस उद्योग की वार्षिक वृद्धि दर 12.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में विस्तार
इस वृद्धि ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में गहरी पैठ बनाने में मदद की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेयरी उत्पादों, आरटीई (रेडी-टू-ईट) खाद्य पदार्थ, जमे हुए मांस और स्नैक्स जैसे प्रमुख उत्पाद खंड रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं खासकर आपूर्ति श्रृंखला और बाजार अनुसंधान क्षेत्रों में। टीमलीज एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा, "एफएमसीजी में नई प्रतिभाओं की मांग में वृद्धि मुख्य रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में विस्तार के कारण हो रही है जो भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तेज़ी से विकास से प्रेरित है।"
नौकरी की भूमिकाओं में वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि FMCG कंपनियां अब उन फ्रेशर्स को नियुक्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जिनके पास बाजार की जानकारी खुदरा वितरण और क्षेत्रीय उपभोक्ता व्यवहार में विशेषज्ञता हो ताकि वे अप्रयुक्त बाजारों में अपने विस्तार को बढ़ावा दे सकें।
किस शहर में भर्ती की मंशा अधिक है?
विभिन्न शहरों में विशिष्ट नौकरी भूमिकाओं के लिए भर्ती की मंशा देखी जा रही है। बेंगलुरु में खाद्य इंजीनियरों की भर्ती की मंशा 41 प्रतिशत है दिल्ली में लॉजिस्टिक्स समन्वयकों की 39 प्रतिशत हैदराबाद में आपूर्ति और वितरण श्रृंखला पदों की 37 प्रतिशत और बेंगलुरु में ब्रांड प्रबंधन प्रशिक्षुओं की भर्ती की मंशा 34 प्रतिशत है। इस सर्वेक्षण में 18 उद्योगों के 526 कंपनियों से जानकारी ली गई, जिसमें मेट्रो, टियर-1 और टियर-2 शहरों के 14 भौगोलिक क्षेत्रों को शामिल किया गया।
इस रिपोर्ट से साफ है कि भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से बढ़ रहा है जिससे FMCG क्षेत्र में भर्ती के अवसर भी बढ़ रहे हैं खासकर उन बाजारों में जहां विकास की अधिक संभावनाएं हैं।