ब्लैक फंगस का कहर : इस अस्पताल में 40 दिन में 49 मरीजों ने तोड़ा दम, देश में मृत्युदर 50%

punjabkesari.in Tuesday, Jun 22, 2021 - 04:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस की रफ्तार भले ही थम गई है लेकिन देश में ब्लैक फंगस अपना कहर दिखा रहा है। इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) में पिछले 40 दिन के दौरान करीब आठ प्रतिशत की मृत्यु दर के साथ ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) के 49 मरीजों की मौत हो गई। MYH राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं। यह अस्पताल शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध है। महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि MYH में अब तक ब्लैक फंगस के कुल 614 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 283 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 49 मरीजों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि MYH में ब्लैक फंगस के मरीजों की मृत्यु दर करीब आठ प्रतिशत है।

 

डीन ने दावा किया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्लैक फंगस के मरीजों की मृत्यु दर आमतौर पर 40 से 50 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कहा कि MYH में ब्लैक फंगस के जिन मरीजों की मौत हुई, उनमें से ज्यादातर लोग मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखते थे और देरी से अस्पताल पहुंचे थे। डीन ने बताया कि हम ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए पिछले 40 दिनों में 580 सर्जरी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि MYH में फिलहाल ब्लैक फंगस के 282 मरीज भर्ती हैं। इनमें से चार लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं, जबकि 241 व्यक्तियों में इस महामारी से उबरने के बाद ब्लैक फंगस की समस्या उत्पन्न हुई।

 

डीन ने कहा कि MYH में ब्लैक फंगस के 37 मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें कोविड-19 होने का कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, हमें लगता है कि ये लोग कोरोना की जद में आए तो होंगे, पर उनमें इस महामारी के लक्षण नहीं होने के चलते उन्हें अपने संक्रमित होने के बारे में पता ही नहीं चला होगा। MYH के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस अस्पताल में ब्लैक फंगस का पहला मरीज 13 मई को भर्ती हुआ था।


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Content Writer

Seema Sharma

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