चार महीने बाद पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे पर तोड़ी चुप्पी, इशारों में किए कई बड़े खुलासे
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 04:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क : उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के करीब चार महीने बाद जगदीप धनखड़ पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए और भोपाल में अपनी एक महत्वपूर्ण स्पीच दी। वे RSS के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य की पुस्तक 'हम और यह विश्व' के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अपने इस्तीफे पर सीधे टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन इशारों में कई बातें कहकर लोगों का ध्यान खींचा।
इस्तीफे पर इशारों में किए कई बड़े खुलासे
पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय की तंगी के कारण वे अपनी पूरी बात नहीं रख पाए, लेकिन फ्लाइट छूटने की जल्दबाजी में भी उन्होंने अपने कर्तव्य को नहीं भुला। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि 'मैं अपने मन की बात पूरी तरह नहीं कह सकता', जिससे माना जा रहा है कि वे अपने इस्तीफे से जुड़े कारणों की ओर इशारा कर रहे थे। ये वही धनखड़ हैं जिन्होंने मानसून सत्र शुरू होने से ठीक 4 महीने पहले अचानक उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया था।
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh | At the launch of the book ‘Hum Aur Yah Vishva,’ written by RSS All India Executive Member Manmohan Vaidya, Former Vice President Jagdeep Dhankar says, "...In today's time, people are drifting away from morality and spirituality. 'Main flight… pic.twitter.com/OWbfcEy0XO
— ANI (@ANI) November 21, 2025
RSS की खुलकर तारीफ
अपने भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सोच और काम को लेकर सकारात्मक बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज की अस्थिर दुनिया में भारत ही सही दिशा दिखा सकता है, क्योंकि उसके पास हजारों साल पुरानी सभ्यताओं और परंपराओं का अनुभव है। उनके अनुसार RSS देश को मजबूत बनाने की क्षमता रखता है और इसके बारे में कई मिथक और गलतफहमियां फैलाई गई हैं। उन्होंने वैद्य की किताब को 'सच्चे RSS' की झलक दिखाने वाली बताया।
नैरेटिव की राजनीति पर बयान
धनखड़ ने कहा कि आज की पीढ़ी नैरेटिव के आधार पर फैसले लेने लगी है। लोग पहले दूसरों को जज करते हैं और फिर बिना सत्य जाने उनके बारे में राय बना लेते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई नैरेटिव के जाल में फंस जाए तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि एक बार किसी के मन में राय बन जाए तो सफाई देने पर भी असर नहीं पड़ता। इस कार्यक्रम के बहाने धनखड़ ने अपने अनुभव, मौजूदा सामाजिक माहौल और इस्तीफे को लेकर संकेतों में कई बातें साझा कीं।
