अरुणाचल प्रदेश में 386 सरकारी स्कूलों पर लगा ताला, जानिए बंद होने की वजह
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क. अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्यभर के 386 सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। ये वे स्कूल हैं, जिनमें इस चालू शैक्षणिक वर्ष में एक भी छात्र का दाखिला नहीं हुआ है। यह फैसला राज्य शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (UDISE) के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के बाद लिया गया। विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से कई स्कूल तो कई सालों से बंद पड़े थे।
क्यों बंद किए जा रहे हैं ये स्कूल?
इस बड़े फैसले का मुख्य उद्देश्य राज्य के शैक्षिक बुनियादी ढांचे को युक्तिसंगत बनाना और शिक्षण कर्मचारियों व सुविधाओं का बेहतर उपयोग करना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार का लक्ष्य उन स्कूलों को बंद करना है, जहां छात्र नहीं हैं। वहां के शिक्षकों और कर्मचारियों को उन संस्थानों में स्थानांतरित करना है, जो सक्रिय रूप से बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं और जिन्हें कर्मचारियों की आवश्यकता है। यह एक बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसका मकसद शैक्षिक संसाधनों को मजबूत करना और सीखने के परिणामों में सुधार करना है।
किन जिलों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?
इस कदम से अरुणाचल प्रदेश के लगभग हर जिले के स्कूल प्रभावित हुए हैं, जिनमें कुरुंग कुमे, तवांग, अंजॉ, चांगलांग और ऊपरी सुबानसिरी जैसे दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं। बंद किए गए स्कूलों की सूची में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक सरकारी स्कूल शामिल हैं, जिनमें इस साल या कुछ मामलों में कई शैक्षणिक सत्रों से कोई नामांकन नहीं हुआ था।
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, बंद हुए स्कूलों की जिलेवार संख्या इस प्रकार है...
पश्चिम कामेंग: 73 स्कूल (सर्वाधिक)
पापुमपारे: 50 स्कूल
पश्चिम सियांग: 31 स्कूल
ऊपरी सुबानसिरी और सियांग: 28-28 स्कूल
पूर्वी कामेंग: 23 स्कूल
कई अन्य जिलों में भी 1 से लेकर 22 तक स्कूल बंद हुए हैं।
यह दूसरी बड़ी कार्रवाई
यह दूसरी बार है, जब अरुणाचल प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद किया गया है। पिछले साल भी राज्य सरकार ने 600 स्कूलों को बंद किया था, जो या तो पूरी तरह से बंद थे या उनमें कोई दाखिला नहीं हुआ था। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार और संसाधनों के सही उपयोग के लिए लगातार प्रयासरत है।