महामारी की तरह तेजी से फैल रहे 3 तरह के कैंसर, सरकार ढूंढ रही समाधान

punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2019 - 11:14 AM (IST)

नई दिल्ली: देश के ज्यादातर हिस्सों में कैंसर की बीमारी लगातार अपने पैर पसार रही है। यही वजह है कि हर राज्य में इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बारे चिंता जाहिर करते हुए हैल्थ मिनिस्ट्री के जूनियर मंत्री ने लोकसभा में पिछले साल एक सारिणी (टेबल) सांझा की जिसमें अलग-अलग रूपों में फैल रही कैंसर की महामारी के बढ़ते ग्राफ को दिखाया गया। इस दिशा में सरकार द्वारा रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि सरकार 3 तरह के कैंसर की रोकथाम पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। इनमें ब्रैस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और लंग कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं। आंकड़ों पर आधारित ताजा जानकारी अनुसार इस समय देश में मिजोरम में कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है। हालांकि पिछले 2 सालों में केरल में इस बीमारी की सबसे अधिक ग्रोथ हुई है। इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च द्वारा सांझा किए गए आंकड़ों के आधार पर देश में कैंसर के जितने मरीज हैं, उनमें से 41 प्रतिशत मरीज ब्रैस्ट, सर्वाइकल और लंग कैंसर से जूझ रहे हैं।

मेलेनोमा कैंसर के बड़े कारणों के पीछे हैं आपके जीन्स
मेलेनोमा एक प्रकार का कैंसर है जो बोनमैरो के प्लाज्मा सैल्स में विकसित होता है। मेलेनोमा कैंसर को बेहद घातक भी कहा जाता है। वैसे तो इस कैंसर के होने का प्राथमिक कारण सूर्य की किरणों के साथ आने वाली यूवी किरणें हैं लेकिन शोधकर्त्ताओं की मानें तो 22 तरह के अलग-अलग जीन्स भी हैं जो यह तय करते हैं कि किसी व्यक्ति में मेलेनोमा होने के पीछे कितनी यूवी रेज का हाथ है।

 

मेलेनोमा विकसित होने के पीछे आनुवांशिक कारण
दरअसल जब सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें (यूवी रेज) त्वचा पर पड़ती हैं, तो मेलेनोमा का खतरा बढ़ जाता है। यूवी किरणें या तो सूर्य से या फिर अन्य ट्रैनिंग स्रोतों से आ सकता हैं। इसी को लेकर शोध में कहा गया है कि मेलेनोमा किसी को सिर्फ यूवी रेज के कारण नहीं होता है बल्कि इसके पीछे कुछ आनुवांशिक कारण भी हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित इस शोध की मानें तो जिन लोगों को मेलेनोमा कैंसर हुआ है, उसके एक कारणों में उनकी आनुवांशिकी यानी जीन फैक्टर भी शामिल है। मेलेनोमा के जोखिम वाले लोगों के लिए बचपन से ही सूर्य की किरणों प्रति सैंसेटिव होना एक मजबूत कारणों में से एक है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News