राज्यसभा के 249वां सत्र ने गढ़ा नया कीर्तिमान, 35 बैठकों में 32 बिल हुए पास

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 02:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राज्यसभा का 20 जून से शुरू हुआ 249वां सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया और इस दौरान तीन तलाक संबधित विधेयक तथा जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के प्रावधान सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया। कामकाज के लिहाज से यह सत्र 104 प्रतिशत उत्पादक रहा। सत्र के दौरान कुल 35 बैठकें हुयीं जो पिछले 14 साल में सर्वाधिक हैं। इससे पहले 2005 में 204वें सत्र के दौरान 38 बैठकों का रिकार्ड है।
 PunjabKesari

सत्र के दौरान हंगामे के चलते भले ही 19 घंटे 12 मिनट का नुकसान हुआ लेकिन सदन ने निर्धारित समय से 28 घंटे अधिक बैठकर कामकाज किया और नुकसान की भरपाई की। उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारपंरिक संबोधन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस सत्र में हुए कामकाज के लिहाज से इसे ‘‘बेहद उत्पादक'' सत्र बताया। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के बाद राज्यसभा का यह पहला सत्र था और इसकी शुरूआत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ हुयी। सत्र के दौरान 2019-20 का आम बजट, राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव, तीन तलाक संबंधी विधेयक, आरटीआई कानून में संशोधन संबंधी विधेयक, अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने संबंधी संकल्प, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, मोटर यान संशेाधन विधेयक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक, पोक्सो संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय डिजायन संस्थान संशोधन विधेयक समेत कुल 32 विधेयक पारित किए गए। 
PunjabKesari

सभापति नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि पिछले कुछ सत्रों से उच्च सदन में व्यवधान के कारण जो तस्वीर बनी थी, उसे इस बार सदन के सभी वर्गों ने मिलकर सामूहिक रूप से बदल दिया। सत्र के दौरान सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, अल्पकालिक चर्चा एवं आधे घंटे की चर्चा के माध्यम से 38 लोक महत्व के विषयों पर चर्चा हुयी। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2002 में 197वें सत्र में 35 विधेयक पारित किए गए थे। पिछले 41 वर्षों में यह सत्र पांचवां सबसे बेहतरीन सत्र रहा। उन्होंने कहा कि कामकाज के लिहाज से यह सत्र 104.92 प्रतिशत उत्पादक रहा। यह 2014 के बाद पिछले पांच साल में सबसे बेहतरीन आंकड़ा है। सभापति ने सत्र के लंबा होने को लेकर विभिन्न तरह की राय व्यक्त किए जाने के बारे में कहा कि 1952 में राज्यसभा का गठन होने के बाद से 2013 तक 27 बार प्रति सत्र 30 या उससे अधिक बैठकें हुयीं। इनमें से नौ सत्रों में 35 से अधिक बैठकें हुयीं। 

PunjabKesari
1952 के बाद से सबसे लंबा सत्र 1955 में हुआ नौवां सत्र था जिसमें 50 बैठकें हुयीं। वर्तमान सत्र के दौरान 151 तारांकित प्रश्न पूछे गए जो पिछले 14 वर्षों में 45 सत्रों के दौरान सर्वाधिक हैं। इससे पहले 2005 के 204वें सत्र में 165 तारांकित प्रश्न पूछे गए थे। शून्यकाल के लिहाज से भी यह सत्र पिछले 20 साल के 63 सत्रों में सबसे बेहतरीन रहा और इस दौरान 326 लोक महत्व के विषय उठाए गए। विशेष उल्लेख के जरिए 194 विषय उठाए गए जो पिछले चार साल के 12 सत्रों में सबसे अधिक है। 

सभापति ने शून्यकाल में उठाए जाने वाले विषयों को अति महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि यदि पूर्व की तरह सदन में व्यवधान हुए होते तो उन्हें उठाना संभव नहीं हो पाता। उन्होंने उम्मीद जतायी कि लिहाजा अब हमें व्यवधान की ओर नहीं जाना चाहिए। हमें इस सत्र की इस नयी स्थिति को कायम रखना चाहिए। उन्होंने तीन तलाक संबंधी मुस्लिम महिला (विवाहों के अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इन दोनों विधेयकों ने विरासत के मुद्दों के समाधान का प्रयास किया। सभापति ने इस सत्र का कवरेज करने के लिए मीडिया का भी आभार जताया। सत्र के दौरान जहां कई नए सदस्यों ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली वहीं सपा और कांग्रेस के कई सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया। इन सदस्यों में सपा के नीरज शेखर, संजय सेठ और सुरेंद्र नागर तथा कांग्रेस के संजय सिंह और भुवनेश्वर कालिता शामिल हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News