फिर बजेगा सायरन, होगा ब्लैकआउट...आज इन 6 राज्यों में होगी माॅक ड्रिल
punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 12:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा तैयारियों को पुख्ता करने के उद्देश्य से एक और बड़ा कदम उठाया है। आज 31 मई को "ऑपरेशन शील्ड" के तहत पाकिस्तान सीमा से सटे 6 राज्यों में व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस दौरान सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट किया जाएगा और नागरिकों को हवाई हमले जैसे हालात से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इन राज्यों में होगी माॅक ड्रिल
जानकारी के मुताबिक, इन मॉक ड्रिल्स का आयोजन हर महीने किया जाएगा, ताकि सीमावर्ती इलाकों के लोग किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। इस अभ्यास में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ और गुजरात शामिल हैं। इन क्षेत्रों के सीमा से सटे गांवों और कस्बों में रह रहे लोगों को हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और मिसाइल हमलों से बचने की तकनीकें सिखाई जाएंगी।
बता दें कि इससे पहले 29 मई को भी यह अभ्यास होना था, लेकिन किसी कारणवश उसे टाल दिया गया था। अब 31 मई को सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के साथ यह अभ्यास होगा। मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय पुलिस, सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और अन्य आपातकालीन एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इसका उद्देश्य यह देखना है कि यदि कोई हमला होता है तो स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया क्षमता कैसी है।
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में फिर से तनाव देखने को मिला है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर सरकार विशेष रूप से सतर्क हो गई है।
क्या होती है मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज?
देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और आपात स्थितियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार सीमावर्ती इलाकों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज का आयोजन कर रही है। लेकिन आम लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर ये अभ्यास होते क्या हैं? आइए जानते हैं इन दोनों सुरक्षा अभ्यासों का मतलब और महत्व।
मॉक ड्रिल क्या है?
मॉक ड्रिल एक तरह की पूर्वाभ्यास प्रक्रिया है, जिसे आपदा या हमले जैसी आपात स्थिति के लिए किया जाता है। इसका मकसद यह जांचना होता है कि यदि एयर स्ट्राइक, बम हमला या ड्रोन अटैक जैसी कोई स्थिति पैदा हो जाए, तो आम नागरिक, प्रशासन और सुरक्षाबल कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं। इस दौरान तय योजना के मुताबिक, सायरन बजाया जाता है, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की प्रक्रिया सिखाई जाती है और इमरजेंसी एजेंसियों की कार्यशैली को भी परखा जाता है।
ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या है?
ब्लैकआउट एक्सरसाइज में तय समय के लिए पूरे इलाके की बिजली जानबूझकर बंद कर दी जाती है। इसका उद्देश्य यह होता है कि यदि दुश्मन देश हवाई हमला करता है, तो इलाके को अंधेरे में रखकर उसकी लोकेशन छुपाई जा सके। इस तरह के अभ्यास से यह सुनिश्चित किया जाता है कि संकट की स्थिति में लाइट्स बंद कर दुश्मन के निशाने को भ्रमित किया जा सके और जान-माल की रक्षा की जा सके।