बच्चों में हैवान... 12-13 साल के बच्चों ने 8 साल की बच्ची से गैंगरेप किया, हत्या कर शव नहर में फेंका

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2024 - 03:07 PM (IST)

आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के नांदयाल जिले में एक भयानक घटना सामने आई है, जिसने समाज में तहलका मचा दिया है। यहां एक 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं सबूत मिटाने के लिए उसकी लाश नहर में फेंक दी जाती है। हैरानी की बात ये है कि इस वारदात का अंजाम देने वाले तीनों आरोपी नाबालिग हैं, जिनमें से दो की उम्र 12 साल और एक की 13 साल है। इस भीषण वारदात का खुलासा बुधवार को हुआ, जब पुलिस ने बच्चों को गिरफ्तार किया। इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद भी ये तीनों बच्चे सामान्य तरीके से अपनी नियमित दिनचर्या कर रहे थे।  बच्ची जिस स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा थी, उसी में पढ़ने वाले छठी और 7वीं के तीन छात्रों ने यह करतूत की।

कैसे हुई वारदात ?
तीनों लड़कों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बच्ची को मुचुमरी पार्क के पास खेलते देखा था। चूंकि वह उनके स्कूल में पढ़ती थी, इसलिए उन्हें पहचानती थी। लड़कों ने उसे साथ खेलने के लिए राजी किया। लुकाछिपी के खेल के बहाने उसे मुचुमरी सिंचाई परियोजना के पास एक सुनसान जगह ले गए। जहां आरोपी लड़कों ने बच्ची के साथ गलत काम किया और फिर उसकी जान ले ली। उउसके बाद उसकी लाश को भी नहर में फेंक दिया।  इस दुखद घटना ने समाज को गहराई से झकझोर दिया है। इस घटना ने स्कूली और समाजिक संरचना में भी गहरा धकेल दिया है। बच्ची के परिवार को भी इस अवाक करने वाले वारदात से झटका लगा है। पुलिस ने मामले में कठोर कार्रवाई करने का दावा किया है और आरोपी बच्चों को बचाव के लिए राजनीतिक प्राधिकरणों से अनुरोध किया है।

गुस्से में कही एक बुरी बात भी बच्चे को अपराधी बना सकती है
समाज शास्त्री डॉ. हीली ने करीब 1000 बाल अपराधियों पर स्टडी करके निष्कर्ष निकाला कि 56% ऐसे थे, जिनके परिवार में कोई न कोई अपराधी था। हीली बताते हैं कि कभी-कभी पैरेंट्स की चुभती बात भी जिंदगी बदल सकती है। वे 12 साल के एक अच्छे बच्चे का जिक्र करते हैं कि वह पढ़ाई के समय आराम कर रहा था। तभी पिता आए और उसके बारे में पूछा तो दूसरे लड़के ने कहा-तबियत खराब है। इस पर पिता बोले- झूठ बोल रहा है। यह सुनकर बच्चे के मन में बैठ गया कि मैं तो बहानेबाज हूं, झूठा हूं... अब मैं ऐसे ही करूंगा।

इसी बीच, समाज के विभिन्न स्तरों पर इस वारदात के खिलाफ नाराजी और आक्रोश उभर रहा है। लोगों में इस घटना के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की मांग की है और सामाजिक संरचना में सुधार की गुहार उठ रही है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा और मानवीयता के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए। इस दुखद घटना से सीखने वाला संदेश है कि बच्चों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता और उनकी सुरक्षा को पहले करनी होगा।
 


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Content Editor

Mahima

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