शादी उपरांत ऐसी पत्नी पाकर खुल जाता है पुरूष का भाग्य

punjabkesari.in Monday, Oct 05, 2015 - 12:43 PM (IST)

संसार में पति-पत्नी का रिश्ता बहुत महत्व रखता है। पत्नी को पति की अर्धांगिनी कहते हैं। अर्धांगिनी का अर्थ है शरीर का अाधा भाग। महाभारत में कहा गया है कि पत्नी को हमेशा खुश रखना चाहिए। पत्नी द्वारा ही घर का वंश प्राप्त होता है इसलिए पति के जीवन में पत्नी बहुत मायने रखती है। 

कई ग्रंथों में पत्नी के गुणोें अौर अवगुणों की जानकारी दी गई है। गरुड़ पुराण में भी अर्धांगिनी के कुछ गुणों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस पुरूष को शादी उपरांत विशिष्ट गुणों वाली पत्नी मिल जाए उस पुरूष का भाग्य खुल जाता है। ये गुण इस प्रकार हैं-

1. घर संभालने वाली- वही पत्नी पिया के मन भाती है जो अपने पति की भावनाअों का सम्मान करती है और अपने घर की सभी जिम्मेदारियों को पूरा करती है जैसे घर की साफ-सफाई से लेकर खाना पकाना और घर के सभी सदस्यों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखना। बच्चों की जिम्मेदारी जिसकी प्राथमिकता रहती है, घर आए अतिथियों का मान-सम्मान और उनकी सेवा करना जिसे भाता है वह हमेशा अपने पति की प्रिया बनी रहती है।
 
2. मीठा बोलने वाली- पत्नी को अपने पति से विनम्रता के साथ बात करनी चाहिए। पत्नी अपनी कोयल के समान मीठि बोली से पति को खुश तो करती ही है साथ ही पति उसके प्रेम में बंध कर रहता है।  इसके अतिरिक्त सभी पारिवारिक सदस्यों से भी मधुर संबंध बनते हैं जिससे परिवार में खुशहाली का माहौल बनता है। 

3. पति की हर बात मानने वाली- जो पत्नी अपने पति को सच्चे दिल से प्यार और मान देती है कभी किसी पराय पुरूष की ओर असक्त नहीं होती उसे धर्म ग्रंथों में पतिव्रता कहा जाता है। 

4.धर्म के प्रति पालनकर्ता- पत्नी को हमेशा अपने परिवार की खुशियों के हित में सोचना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार जो पत्नी रोजाना स्नान कर 16 श्रृंगार करती है सिमित मात्रा में खाती, बोलती है और सभी मंगल चिह्नों से युक्त होती है। ऐसी पत्नि पाकर तो कोई भी स्वर्ग के राजा इंद्र सा जीवन व्यतित करता है।
 

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